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ग़ज़ल - जैसे अपना बयान छोड़ गये ( गिरिराज भंडारी )

2122  1212  112/22

ज़ख़्म  सूखे निशान छोड़ गये

जैसे अपना बयान छोड़ गये

 

लौट के यूँ गये मेरे दिल से

मानो ख़ाली मकान छोड़ गये

 

सारी खुश्बू हवायें ले के गईं  

ये भी सच है कि भान छोड़ गये

 

राग खुशियों के छिन्न भिन्न किये

मित्र, ग़मगीन तान छोड़ गये

 

उड़ गये जब परिंदे बाग़ों से

पीछे सब सून सान छोड़ गये 

 

हाले दिल क्या बयान कर पाते ?

हम से कुछ बे ज़ुबान छोड़ गये

 

खुद चढ़ाई चढ़े हैं वालिद , अब     

तिफ्ल खातिर ढलान छोड़ गये

******************************

मौलिक एवँ अप्रकाशित

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सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 7, 2015 at 12:58pm

आदरनीय जय प्रकाश भाई , आपका हार्दिक आभार ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 7, 2015 at 12:58pm

आदरणीय शिज्जु भाई , हौसला अफज़ाई का तहे दिल से  शुक्रिया ।

Comment by Jayprakash Mishra on October 7, 2015 at 9:39am
gazal ka matala hi lazawab hai,Badhaai adarniya Giriraj ji

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on September 10, 2015 at 10:30pm
वाह आदरणीय गिरिराज जी बहुत सुंदर ग़ज़ल है बहुत बहुत बधाई आपको

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 6, 2015 at 8:45pm

आदरणीया तनुजा जी , उत्साह वर्धन के लिये आपका हार्दिक आभार ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 6, 2015 at 8:45pm

आदरणीय सौरभ भाई , गज़ल पर उपस्थिति और सराहना के लिये आपका दिल से आभारी हूँ ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 6, 2015 at 8:44pm

आदरणीय राम शिरोमणि भाई , गज़ल की सराहना के लिये आपका आभार ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 6, 2015 at 8:43pm

आदरणीय मोहन भाई , उत्साह वर्धन के लिये आपका हृदय से आभारी हूँ ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 6, 2015 at 8:42pm

आदरनीय मनोज भाई , गज़ल की सराहना के लिये आपका आभारी हूँ ।

जहाँ तक सून सान की बात है , मै शब्द कोष मे देख कर ही लिखा हूँ -- आपको अटपटा क्यों लगा मै नही कह सकता ।

शब्द कोष - आदर्श हिन्दी शब्द कोष - संशोधित संस्करण - पेज न. 788 , दूसरा कालम  का 11वाँ शब्द  । सूनसान  = निर्जन , सुनसान । दिया हुआ है । आप देख सकते हैं ।

Comment by Tanuja Upreti on September 6, 2015 at 4:23pm

वाह वाह क्या बात है आदरणीय ,बधाई स्वीकारें

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