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साथ जुड़ते जाइये

साथ जुड़ते जाइये

यह जीत नहीं सिर्फ अन्ना की
यह जीत हमारी है
हम हैं दुश्मन उन सबके
जो भ्रष्टाचारी हैं
गाँधी बाबा आ गए फिर से
अब होगा इन्साफ
किरण बेदी साथ हैं उनके
कहाँ तक बचेगा पाप
इक "विद्रोही"की कलम है हाथ में मेरे
सत्य की इसमें स्याही है
ईमानदारी की हमनें अब तक
हर इक रस्म निभाई है
वोह पर्दाफाश हो जाएँगे
जो नक़ाव पहन कर बैठे हैं
बड़े लुटेरे फसल बटेरे
भगवे,खादी में रहते हैं
हम नहीं कहते सब पापी हैं
कुछ ईमानदार भी होंगे
मेरी तरह ही वोह भी बेचारे
जूझ रहे होंगे
हमको भी अन्ना की तरह
कोई एक सहारा चाहिए
आपको गर ईमानदारी है प्यारी
हमारे साथ जुड़ते जाइये

दीपक शर्मा "कुल्लुवी"
९१३६२११४८६
०९/०४/११.




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Comment by Deepak Sharma Kuluvi on April 11, 2011 at 10:16am
aapka saath raha to vidroh jaari rahega

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 9, 2011 at 10:28pm
गाँधी बाबा आ गए फिर से
अब होगा इन्साफ
किरण बेदी साथ हैं उनके
कहाँ तक बचेगा पाप

बिलकुल सही कह रहे है दीपक साहिब , सहमत हूँ मैं आपसे , सलाम अन्ना जी को और आपके बिद्रोही कलम को | जय हो !

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