For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

“अरे!! भाई.. दोनों में से एक बैल तो अभी दांत वाला है, ठीक से कीमत बता. फिर बिना दांत वाला वैसे ही लेजा, उसका क्या करूँगा मैं..? आखिर खली-भूसा भी महंगा पड़ता है..”

“पटेल भैया .. दांत वाले की ही कीमत है, बुढ्ढे बैल को मुझ से भी कौन खरीदेगा..? यहीं खूंटे भी ही मरने दो..”

नजदीक ही पटेल भैया के बीमार पिता, चारपाई पर पड़े सारी बातें सुन रहे थे...

 

  जितेन्द्र पस्टारिया

(मौलिक व् अप्रकाशित)

Views: 820

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 24, 2015 at 8:10am

बहुत मार्मिक ...आपकी लघु कथाएँ इशारों इशारों में बहुत गंभीर बात कह देती हैं यही ख़ासियत है बहुत बहुत बधाई जितेन्द्र भैया 

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on March 23, 2015 at 11:06pm

आदरणीय जीतेन्द्र जी लगता है आप मेरी बात समझ नही पाये!! मेरा कहना ये है कि बैल चाहे कितना भी बूढ़ा क्यों न हो जाये,आमतौर पर इस तरह के पशुओ के दांत वृद्धावस्था में नही गिरते!!इस दृष्टी से आप दांत न होना को बैल के वृद्ध होने से जोड़कर नही दिखा सकते!!

यहाँ बैल की बूढी काया,अस्थिपिंजर दिखना आदि को प्रतीक के तौर पे लिया होता तो तथ्यगत होता!!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 23, 2015 at 10:42pm

रचना पर आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया हेतु आपका आभारी हूँ, आदरणीय डा.गोपाल जी.

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 23, 2015 at 10:41pm

सराहना व् उपश्थिति हेतु आपका ह्रदय से आभार, आदरणीय श्याम नारायण जी

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 23, 2015 at 10:40pm

आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया हेतु आपका आभारी हूँ, आदरणीय कृष्णा जी. आप सही कह रहे है की बैल के दांत बुढापे में नहीं होते किन्तु जब बैल ,शिशु अवशथा में होता है तो उसे बछड़ा कहा जाता है.

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 23, 2015 at 10:35pm

आपका आत्मीय आभार ,पवन भाई

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 23, 2015 at 10:34pm

रचना को आपका आशीर्वाद मिला, रचना धन्य हुई आदरणीय डा.विजय जी

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 23, 2015 at 10:32pm

आपकी बधाई सहर्ष स्वीकार है आदरणीय मिथिलेश जी. सराहना हेतु आपका ह्रदय से आभार

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 23, 2015 at 10:31pm

आपका बहुत-बहुत आभारी हूँ, आदरणीय विनय जी

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 23, 2015 at 10:30pm

लघुकथा की सराहना व् उत्साहवर्धन हेतु आपका ह्रदय से आभारी हूँ ,आदरणीय हरिप्रकाश जी

सादर!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service