“अरे यार ओबामा साहब के रास्ते में कुत्ता आ गया, सुरक्षा व्यवस्था में भयंकर चूक हो गयी, अगर उसमें बम लगा होता तो?”
“कुछ नहीं यार “भारतीय कुत्ता” था, जान दे देता पर ओबामा साहब को कुछ नहीं होने देता, यार देश की इज्ज़त का सवाल था आखिर ।" जय हिन्द !
हरि प्रकाश दुबे
"मौलिक व अप्रकाशित
Comment
आदरणीय जितेन्द्र पस्टारिया साहब आशीष यूँ ही बनाये रखिये आपका आभार ! सादर
हा.. हा...हा .आदरणीय खुर्शीद जी, सही बात कही आपने ,आनंद आ गया ,आपका आभार ! सादर
आदरणीय सौरभ पाण्डेय सर , मार्गदर्शन के लिए आपका हृदय से आभारी हूँ । सादर !
// हमारे यहाँ सुरक्षाकर्मी जब भी मिलते हैं या विदा लेते हैं तो इस शब्द का ही प्रयोग करतें है, इसीलिए आवश्यक महसूस हुआ ! //
उपरोक्त प्रस्तुति में अभिव्यक्त संवादों से यह कहीं ज़ाहिर नहीं हो रहा कि परस्पर संवाद दो सुरक्षाकर्मियों के हैं. इसीकारण लघुकथा का बहाव तिर्यक हुआ लगा.
लघु कथा में शब्दों की मितव्ययिता आवश्यक है लेकिन संप्रेषणीयता से कोई समझौता किये बग़ैर.
शुभेच्छाएँ.
आदरणीय गिरिराज सर,आपकी उत्साहवर्धक और प्रेरणादायी टिप्पणी के लिए हृदय से धन्यवाद आभार।
आदरणीय हरि भाई , एक सम सामयिक घटना पर बढ़िया लघु कथा के लिये बधाई ।
आदरणीय विनय जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया।
आदरणीय विनोद जी, आदरणीय सौरभ पाण्डेय सर रचना पर आपकी उपस्थिति और आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार !जहां तक जय हिन्द का तात्पर्य है , हमारे यहाँ सुरक्षाकर्मी जब भी मिलते हैं या विदा लेते हैं तो इस शब्द का ही प्रयोग करतें है, इसीलिए आवश्यक महसूस हुआ ! पुनः आभार , सादर !
आदरणीया कांता जी आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार सादर धन्यवाद !
आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी, आपका बहुत - बहुत धन्यवाद ! सादर
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