For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"संघर्ष में आनंद"

संघर्ष,

कहीं भी हो ,

कैसा भी हो,

होता, बहुत  बुरा है ,

बहुत तड़पाता है,

काटता है ,

दुधारा छुरा है !

 

लेकिन,

संघर्ष न हो ,

तो सूख जाता है ,

मन का चमन ,

हर हाल में,हरा रखे ,

आदमी को,

संघर्ष वो सुरा है !

 

डरता,

जो पीने से ,

संघर्ष के,

छलकते हुए पैमाने ,

उस आदमी का जीवन,

बड़ा बेरंग,

बड़ा बेसुरा है !

 

लड़ता ,

हर आदमी है,

अपनी लड़ाई ,

अपने ही अंदाज़ में,

मगर लड़ता है जो ,

संघर्ष के साथ ,

वही रण बांकुरा है !

 

 

आप भी ,

घबराइये मत ,

संघर्ष में, आनंद खोजीये,

क्योंकि जिंदगी,

घूमती है,

जिसके चारों तरफ

संघर्ष वो धुरा है !

 

अब ,

हर चोट पर ,

मेरा साहस और बढ़ जाता है ,

हर असफलता पर मेरा उत्साह ,

दुगना हो जाता है ,

मैंने संघर्ष में आनंद खोज लिया है,

मेरा हर पल आनंद से गुजर जाता है !

 

© हरि प्रकाश दुबे

"मौलिक व अप्रकाशित”

 

 

Views: 646

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Hari Prakash Dubey on January 29, 2015 at 5:42pm

आदरणीय डॉ विजय शंकर सर , प्रोत्साहन हेतु आपका हार्दिक आभार ! सादर 

Comment by Hari Prakash Dubey on January 28, 2015 at 9:24am

आदरणीय गिरिराज सर, प्रेरणादायी टिप्पणी के लिए हृदय से धन्यवाद आभार।सादर 

Comment by Hari Prakash Dubey on January 28, 2015 at 9:22am

शिशिर जी ,आपका धन्यवाद ! सादर

Comment by Hari Prakash Dubey on January 27, 2015 at 8:20pm

आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी, आपकी प्रतिक्रिया से उत्साह मिला आपका बहुत - बहुत धन्यवाद ! सादर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 27, 2015 at 7:57am

आदरणीय हरि प्रकाश भाई , बहुत सुन्दर प्रेरणा दायी  रचना हुई है , सच तो है जीवन का दूसरा नाम ही  संघर्ष है । आपको हार्दिक बधाइयाँ ।

Comment by Dr. Vijai Shanker on January 27, 2015 at 7:36am
बहुत सुन्दर विचार। प्रेरक। बधाई , आदरणीय हरी प्रकाश दुबे जी, सादर।
Comment by Shishir Dwivedi on January 26, 2015 at 9:35pm
बहुत सुन्दर कविता है

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on January 26, 2015 at 9:28pm

आदरणीय हरिप्रकाश दुबे जी सकारात्मक और प्रेरित करती बेहतरीन कविता... छोटी छोटी पंक्तियों में कमाल के भाव उभरकर आये है. ये पंक्तियाँ बेहतरीन और गहरे तक प्रभावित करती है-

मैंने संघर्ष में आनंद खोज लिया है,

मेरा हर पल आनंद से गुजर जाता है !

Comment by Hari Prakash Dubey on January 26, 2015 at 7:27pm

आदरणीय जितेन्द्र पस्टारिया सर, आपके प्रेरणादायक शब्दों के लिए आपका हार्दिक आभार ,गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें" ! सादर 

Comment by Hari Prakash Dubey on January 26, 2015 at 6:47pm

सोमेश भाई उत्साहवर्द्धन के लिए सादर धन्यवाद !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"वाह बहुत खूबसूरत सृजन है सर जी हार्दिक बधाई"
12 hours ago
Samar kabeer commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, आमीन ! आपकी सुख़न नवाज़ी के लिए बहुत शुक्रिय: अदा करता हूँ,सलामत रहें ।"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 166 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ पचपनवाँ आयोजन है.…See More
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
Sunday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"स्वागतम"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service