For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

फूल नहीं तो पत्थर कह दो

फूल नहीं तो पत्थर कह दो।
दो बातें पर हंसकर कह दो ।।

आज मुकम्मल कर दो ऐसे ।
एक दफे बस दिलबर कह दो ।।

साथ चलूँगा मरते दम तक।
मुझको अपना रहबर कह दो।।

माँ बाबा की बात सुने सब।
ऐसा सपनों में घर कह दो ।।

ऊँच नीच सम भाव रहा जो।
उसको भी तो बेहतर  कह दो।।

सदियों तक सुनने में आये। 
एक ग़ज़ल बस जमकर कह दो।।
*******************
राम शिरोमणि पाठक
मौलिक।अप्रकाशित

Views: 864

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by ram shiromani pathak on December 29, 2014 at 3:58pm
हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।।सादर

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 28, 2014 at 3:20pm

फेलुन फेलुन .. के संयोजना पर आपकी प्रस्तुतियाँ सधी हुई आती हैं. कई शेर गुनगुनाने लायक हुए हैं. इस उम्दा प्रयास के लिए बधाइयाँ लें.

Comment by ram shiromani pathak on December 28, 2014 at 2:59pm
आदरणीय लक्ष्मण जी बहुत आभार आपका।।सादर
Comment by ram shiromani pathak on December 28, 2014 at 2:57pm
शिज्जू भाई बहुत बहुत आभार आपका।।सादर
Comment by ram shiromani pathak on December 28, 2014 at 2:57pm
राहुल भाई बहुत आभार आपका
Comment by ram shiromani pathak on December 28, 2014 at 2:56pm
आदरणीय गिरिराज जी बहुत आभार आपका।।सादर

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on December 28, 2014 at 1:43pm

आदरणीय  लक्ष्मण रामानुज लडीवाला सर भाव को पूर्ववत करने के लिए में को का कर सकते है 

माँ बाबा की बात सुने सब।
ऐसा सपनों में का घर कह दो ।।

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on December 28, 2014 at 11:47am

  श्री  मिथिलेश वामनकर जी से मापनी में संशोधन बाद सुंदर गजल  रचना बन गई | यह  अवश्य है की आपकी इन पंक्तियों में जो भाव थे वे कुछ  बदल गए दिख रहे है - 

माँ बाबा का आज्ञाकारी।। 
ऐसे घर को भी घर कह दो।।.

सुंदर प्रयास  के  लिए  हार्दिक  बधाई श्री राम शिरोमणि  पाठक जी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on December 28, 2014 at 10:33am

अच्छी ग़ज़ल है भाई राम शिरोमणि जी बहुत बहुत बधाई हो

Comment by Rahul Dangi Panchal on December 28, 2014 at 9:57am
वाह वाह वाह बहुत सुन्दर!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय रिचा यादव जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
28 seconds ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय लक्ष्मण धामहजी जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
1 minute ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय मिथलेश जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
2 minutes ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"एक छोटा सा अंतर है किसी को अपना उस्ताद या गुरु मानते हुए संबाेधित करने और मंच पर किसी…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय जयहिंद जी नमस्कार ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिए सादर"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने गिरह भी ख़ूब है बधाई स्वीकार कीजिए सादर"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय दयाराम जी नमस्कार एक ग़ज़ल क ही आपने बधाई स्वीकार कीजिए सादर"
2 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"इतनी मुश्किल भी नहीं सच्ची कहानी लिखना एक राजा की मुहब्बत में है रानी लिखना उसकी तारीफ़ में जो…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय जयहिंद जी बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय लक्ष्मण जी  बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय Aazi जी बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय गजेन्द्र जी बहुत शुक्रिया आपका बेहतरी का प्रयास करूंगी सादर"
2 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service