Comment
आप लोगो को मेरी ये रचना पसंद आई मै बहुत प्रसन्न हूँ|
आप लोगो का सुझाव मुझे बहुत अच्छा लगता है| इसे कोई मूढ़ ही अन्यथा लेगा|
आप लोगो को बहुत बहुत धन्यवाद|
मोहब्बत में बेवफाई एक इम्तिहान है
जोश ए मुहब्बत क्या आसान काम है?
गौर फरमाइए ज़रा हालात पे उनके....
ऐसी मायूसी का यहाँ कैसा काम है ?
kyo karte ho mohabaat jab wafa ki aas hai,
zuthe hai jamane nkab ki aar par mat azmana kisi ko
क्या हो गया भाई, इस उमं में ऐसे झटके लगते रहते हैं और इनसे बचने का एक ही तरीका है कि अनुभवियों की राय मानकर इस छलावे से दूर रहा जाये।
अनुभव की बात यह है कि हम एक ही पक्ष पर विचार करते हैं। दूसरा भी देखें तो बात बने।
धीरे धीरे मुहब्बत में आनन्द आने लगेगा
हर प्यार उसका इकरार लगने लगेगा
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online