For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बुद्ध हो गये क्या

बुद्ध हो गये क्या?
शुद्ध हो गये क्या?

मज़ाक मज़ाक में!
क्रुद्ध हो गये क्या?

उसको देख देख!
मुग्ध हो गये क्या?

सफेदी दिखी है!
दुग्ध हो गये क्या?

अपनों के पथ में!
रुद्ध हो गये क्या?
**************
-राम शिरोमणि पाठक
मौलिक/अप्रकाशित

Views: 669

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by ram shiromani pathak on December 3, 2014 at 12:11am
Adarneey giriraj Ji utsaah vardhan hetu bahut aabhar Apka///sadar

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 2, 2014 at 9:57pm

आदरणीय राम भाई , छोटी बहर मे कमाल की गज़ल कही । हार्दिक बधाइयाँ ।

Comment by ram shiromani pathak on December 2, 2014 at 1:29pm

मेरा प्रयास आपको सुन्दर लगा मेरे लिए यही तोषकारी है//सादर 

Comment by Hari Prakash Dubey on December 2, 2014 at 1:07pm

 सुन्दर प्रयास ,हार्दिक बधाई राम शिरोमणि पाठक जी !

Comment by ram shiromani pathak on December 2, 2014 at 9:21am
आदरणीय शरदिंदु जी अमूल्य सुझाव हेतु आभार आपका।।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by sharadindu mukerji on December 2, 2014 at 2:37am
भाई राम शिरोमणि जी, अच्छी लगी आपकी रचना. अंतिम दो पंक्तियाँ विशेष रूप से प्रभावित करती हैं. मुझे आदरणीय डॉ गोपाल नारायन जी का सुझाव समीचीन लगा....आपको??
Comment by ram shiromani pathak on December 1, 2014 at 3:29pm
आदरणीय गोपाल नारायण जी आभार आपका।।सादर
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 1, 2014 at 11:01am

वाह ---इस छोटी  बह्र पर

इस तरह से लिखा

प्रबुद्ध हो गए क्या  ? --------क्या में प्रश्नवाचक चिन्ह भी अपेक्षित है i

Comment by ram shiromani pathak on December 1, 2014 at 10:02am
भाई सोमेश जी बहुत आभर
Comment by ram shiromani pathak on December 1, 2014 at 10:02am
आदरणीय जवाहरलाल जी बहुत आभार।।सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  …See More
Monday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-169

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Monday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बेहतरीन 👌 प्रस्तुति और सार्थक प्रस्तुति हुई है ।हार्दिक बधाई सर "
Monday
Dayaram Methani commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, अति सुंदर गीत रचा अपने। बधाई स्वीकार करें।"
Sunday
Dayaram Methani commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post लघुकविता
"सही कहा आपने। ऐसा बचपन में हमने भी जिया है।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' shared their blog post on Facebook
Sunday
Sushil Sarna posted blog posts
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
Saturday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
Saturday
Dharmendra Kumar Yadav posted a blog post

ममता का मर्म

माँ के आँचल में छुप जातेहम सुनकर डाँट कभी जिनकी।नव उमंग भर जाती मन मेंचुपके से उनकी वह थपकी । उस पल…See More
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक स्वागत आपका और आपकी इस प्रेरक रचना का आदरणीय सुशील सरना जी। बहुत दिनों बाद आप गोष्ठी में…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"शुक्रिया आदरणीय तेजवीर सिंह जी। रचना पर कोई टिप्पणी नहीं की। मार्गदर्शन प्रदान कीजिएगा न।"
Nov 30

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service