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‘शबरी महोत्सव’ पर लगा ग्रहण

छत्तीसगढ़ राज्य में टेम्पल सिटी के नाम से विख्यात शिवरीनारायण में माघी मेला के दौरान आयोजित होने वाले शबरी महोत्सव पर ग्रहण लग गया है। राज्य सरकार और संस्कृति विभाग की उदासीनता के कारण आयोजन समिति को बजट नहीं मिलने से पिछले तीन वर्षो से यह महोत्सव नहीं हो पा रहा है।

छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद राज्य सरकार ने शिवरीनारायण में हर वर्ष माघी पूर्णिमा से प्रारंभ होने वाले मेले के साथ ही सात दिवसीय ‘शबरी महोत्सव’ का आयोजन किए जाने का निर्णय लिया था। उस दौरान यह परिपाटी शुरू हुई और इस तरह करीब पांच-छह वर्षो तक शबरी महोत्सव का आयोजन होता रहा। पांच वर्ष पहले संस्कृति विभाग द्वारा महोत्सव के लिए राशि देने की बात कही गई, लेकिन महोत्सव के दौरान समिति को सरकार से राशि नहीं मिल सकी। बावजूद इसके आयोजन समिति के सदस्यों ने किसी तरह शबरी महोत्सव का आयोजित कराया। हद तो तब हो गई जब महोत्सव को आयोजित हुए पूरा एक साल बीत गया और शासन से महोत्सव के आयोजन की राशि नहीं मिली। जबकि दूसरे महोत्सव के दूसरे वर्ष समिति को संस्कृति विभाग से उस समय राशि मिली, जब महज एक-दो दिन ही माघी पूर्णिमा को बचे थे। इस तरह राज्य सरकार व संस्कृति विभाग की उदासीनता से आयोजन समिति ने शबरी महोत्सव कराने से तौबा कर लिया। नतीजतन शिवरीनारायण में पिछले तीन बरस से शबरी महोत्सव का आयोजन बंद है, इसका मूल कारण समय पर राशि का नहीं मिलना बताया जा रहा है। यहां बताना लाजिमी होगा कि शबरी महोत्सव के माध्यम से स्थानीय कलाकारों को मंच मिलता था, वहीं छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों के ख्यातिलब्ध कलाकारों की प्रस्तुति देखने को मिलती थी। शबरी महोत्सव की शुरूआत के बाद शिवरीनारायण की भव्यता बढ़ गई थी, लेकिन राज्य शासन व संस्कृति विभाग के मनमाने रवैये से अब क्षेत्रवासी निराश हैं। शिवरीनारायण मेले की अनदेखी की बात भले ही संस्कृति विभाग स्वीकार करने को तैयार न हो, लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि संस्कृति विभाग द्वारा पिछले कई वर्षो से महोत्सव के लिए राशि प्रदान करने में उदासीनता बरती जा रही है। क्षेत्र के कई लोगों ने बताया कि शिवरीनारायण मठ मंदिर के मुखिया जैजैपुर के कांग्रेस विधायक राजेश्री महंत रामसुदर दास है। इस वजह से भी राज्य सरकार द्वारा शबरी महोत्सव के प्रति ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उनका कहना है कि शबरी महोत्सव राजनीति का शिकार हो गया है। यही वजह है कि सरकार महोत्सव तथा शिवरीनारायण मेले की ख्याति को आगे बढ़ाने में रूचि नहीं ले रही है। इस तरह राज्य सरकार की उदासीनता के कारण शिवरीनारायण मेले की प्रसिद्धि पर असर पड़ रहा है। वहीं सरकार व संस्कृति विभाग के उदासीन रवैये से क्षेत्रवासी निराश हैं।

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मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on February 26, 2011 at 10:42am
शबरी महोत्सव से परिचित कराने हेतु धन्यवाद ....

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