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बहुत गुमसुम सी लगती है
ज़बाँ खामोश रहती है, निगाहें कुछ नही कहतीं
अगर जज़्बा न हो दिल में, तो बाहें कुछ नही कहतीं
यहाँ के हादसों का सच, तुम्हें खुद जानना होगा
तुम्हें मालूम तो होगा, कि राहें कुछ नहीं कहतीं
बहुत नोची गयी है ये, बहुत तोड़ी गयी है पर
वो अब तक जी रही है क्यों, ये चाहें कुछ नहीं कहतीं
ये ख़ंज़र पीठ में है क्यों, रफ़ाक़त ये कहाँ की है
बहुत गुमसुम सी लगती है, कराहें कुछ नही कहतीं
ख़ुदा का नूर है सब में, करमफ़र्मा वही है पर
करम चुप चाप बहता है, पनाहें कुछ नहीं कहतीं
उधर कुछ भी असर होता दिखाई क्यों नहीं देता
इधर कितनी रसाई है, ये आहें कुछ नहीं कहतीं
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मौलिक एवँ अप्रकाशित
Comment
आदरणीय नादिर खान भाई , गज़ल की सराहना के लिये आपका आभारी हूँ ॥
आदरणीय सौरभ भाई , प्रयास कर्म की सराहना के लिये आपका तहे दिल से शुक्रिया , जो कुछ भी मुझसे अच्छा हो पाता है उसमे आपकी और अन्य गुणी जनों की सीख शामिल है , आप सब का बहुत आभार ॥
आदरणीय भाई गिरिराज जी, बेहद उम्दा गजल दो शेर अत्यधिक पसंद आये
/ये ख़ंज़र पीठ में है क्यों, रफ़ाक़त ये कहाँ की है
बहुत गुमसुम सी लगती है, कराहें कुछ नही कहतीं
/
ख़ुदा का नूर है सब में, करमफ़र्मा वही है पर
करम चुप चाप बहता है, पनाहें कुछ नहीं कहतीं
यहाँ के हादसों का सच, तुम्हें खुद जानना होगा
तुम्हें मालूम तो होगा, कि राहें कुछ नहीं कहतीं
ये ख़ंज़र पीठ में है क्यों, रफ़ाक़त ये कहाँ की है
बहुत गुमसुम सी लगती है, कराहें कुछ नही कहतीं
बहुत बढ़िया ग़ज़ल आदरणीय सर
आदरणीय गिरिराज जी, बेहद उम्दा गजल यह शेर खास पसंद हुआ
ये ख़ंज़र पीठ में है क्यों, रफ़ाक़त ये कहाँ की है
बहुत गुमसुम सी लगती है, कराहें कुछ नही कहतीं
ki sher pe kha kahe alfaz hi doondh rahe hai ............wah wah sir ji...............sampurna gazal bar bar kai bar padi kintu man ab tak nahi bhara ................................dili mubaraqbaad ..shukriya ...aisi sharing ke liye .........
ज़बाँ खामोश रहती है, निगाहें कुछ नही कहतीं
अगर जज़्बा न हो दिल में, तो बाहें कुछ नही कहतीं
बहुत खूब कहा आदरणीय गिरिराज जी ।
ख़ुदा का नूर है सब में, करमफ़र्मा वही है पर
करम चुप चाप बहता है, पनाहें कुछ नहीं कहतीं..
वाह !
प्रयासकर्म की सुन्दर प्रस्तुति हुई है आदरणीय
आदरणीया कुंती जी , गज़ल की सराहना कर उत्साह वर्धन करने के लिये आपका आभारी हूँ ॥
आदरणीया अन्नपूर्णा जी , गज़ल की सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार ॥
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