For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

रोज नया त्यौहार (दोहे)- लक्ष्मण लडीवाला

सभी सहह्रदयी सदस्यों को नव वर्ष की हार्दिक मंगल कामनाएँ

 

स्वागत हो नव वर्ष का, दे सुन्दर उपहार,
मधुर गीत रच दे सके, शब्द सुमन मनुहार |
 
नए वर्ष की प्रथम किरण, दे सुन्दर अहसास,
नया जोश संचित करे, रचे नया इतिहास |
 
नवजीवन श्रृंगार से, रच नूतन संगीत,
नयी चेतना दे सके, नया सुगम नवगीत | 
 
सात्विक मन की सोच से,नित नूतन आकार 
नए वर्ष की भोर का, सुधि मन से सत्कार |
 
जीवन में माने नहीं, कभी न मन की हार,
मन की बगिया में मने, रोज नया त्यौहार |
 
सिद्धि मिले नव वर्ष में,सद्कर्मों का साथ,
स्वच्छ  ह्रदय मन भाव हो, पाँव पड़े सद्पाथ |
 
मन में नित नव कल्पना, समय जाय न व्यर्थ,  
सोच समझ कर धैर्य से, निर्णय लेता अर्थ |
(मौलिक व् अप्रकाशित)

Views: 795

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on January 1, 2014 at 5:28pm

नूतन वर्ष २०१४ की हार्दिक मंगल कामनाओं के साथ आपका हार्दिक आभार श्री नाद्दिर खान भाई और श्री श्याम नारायण वर्मा जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on January 1, 2014 at 5:26pm

 वर्ष २०१४ का आपका हर दिन आपको उर्जावान रख प्रगति पथ पर अग्रसर करे इन्ही शुभ कामनाओं के साथ 

आपका हार्दिक आभार आदरणीया कुन्ती मुकर्जी, महिमा श्री जी और सविता मिश्रा जी | सादर 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on January 1, 2014 at 5:24pm

आज से वर्ष २०१४ का आपका हर दिन आपको उर्जावान रख प्रगति पथ पर अग्रसर करे इन्ही शुभ कामनाओं के साथ 

आपका हार्दिक आभार श्री सत्यनारायण सिंह जी, ससरी गिरिराज भंडारी जी, और श्री अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी 

Comment by Shyam Narain Verma on January 1, 2014 at 2:50pm

 

 नव वर्ष आप एवं आपके परिवार के लिए अपार खुशियाँ, सुख, शांति एवं समृद्धि लाये-

नववर्ष पर सुंदर सकारात्मक रचना हेतु बधाई...

Comment by savitamishra on January 1, 2014 at 1:50pm

मनमोहक

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on January 1, 2014 at 12:49pm

लक्ष्मण भाई नव वर्ष की शुभ कामनाओं के साथ आपको इस सुंदर दोहे की भी हार्दिक बधाई॥


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 1, 2014 at 11:08am

आदरणीय लक्ष्मण भाई , शुभ कामनायें देते आपके सभी दोहे बहुत सुन्दर लगे ॥ आपको बधाइयाँ ॥ नये साल की आपको भी बधाई ॥

Comment by नादिर ख़ान on December 31, 2013 at 11:13pm

अदरणीय लक्ष्मण जी सभी दोहे उम्दा हैं । मनमोहक प्रस्तुति ...

नये साल की बहुत सारी शुभकामनायें ।

Comment by coontee mukerji on December 31, 2013 at 10:04pm
जीवन में माने नहीं, कभी न मन की हार,
मन की बगिया में मने, रोज नया त्यौहार |
 
सिद्धि मिले नव वर्ष में,सद्कर्मों का साथ,
स्वच्छ  ह्रदय मन भाव हो, पाँव पड़े सद्पाथ |.....शुभकामनाएँ सहित.
 ..
Comment by MAHIMA SHREE on December 31, 2013 at 8:26pm
सिद्धि मिले नव वर्ष में,सद्कर्मों का साथ,
स्वच्छ  ह्रदय मन भाव हो, पाँव पड़े सद्पाथ |
 
मन में नित नव कल्पना, समय जाय न व्यर्थ,  
सोच समझ कर धैर्य से, निर्णय लेता अर्थ |....... बहुत ही सुंदर .. दोहावली ..आदरणीय लक्ष्मण सर नव वर्ष की बधाई और शुभकामनायें सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service