नित्य प्रगति सोपान गढ़ें हम
वर्ष नवल शुभ मंगलमय हो ......
गत्य धुरी पर आगत नित नव
युग्म सतत, प्रति क्षण हो उत्सव,
सद्विचार सन्मार्ग नियामक
ऊर्ध्व करें मानवता मस्तक,
मिटे कलुषता का अँधियारा, हृदय ज्ञान से ज्योतिर्मय हो ......
नित्य प्रगति सोपान गढ़ें हम, वर्ष नवल शुभ मंगलमय हो ......
परिष्कार को प्रतिक्षण तत्पर
संकल्पित अभ्यास सतत कर,
नित्य ज्ञान हित सर्व समर्पित
क्षुद्र अहम् कर पूर्ण तिरोहित,
भाव भक्ति हो नित श्रद्धामय, कर्म श्रेष्ठतम युति कृतिमय हो ......
नित्य प्रगति सोपान गढ़ें हम, वर्ष नवल शुभ मंगलमय हो ......
अर्थपूर्ण उन्नत चिंतन युत
जन हितार्थ हो सर्वस आहुत,
काव्य-सुधा दृढ़ भाव अलंकृत
मंथन दर्शन लेखन जागृत,
सद्ग्राही उर संस्कारमय, शब्द कंप में मधुरिम लय हो ......
नित्य प्रगति सोपान गढ़ें हम, वर्ष नवल शुभ मंगलमय हो ......
प्रतिपूरित हों अभिलाषाएं
सतरंगी मन परिभाषाएं,
हर सुयत्न उल्लास भरा हो
लक्ष्य-भेद विश्वास भरा हो,
स्वास्थ्यपूर्ण औ’ वैभवशाली, यशपूरित प्रति क्षण सुखमय हो ......
नित्य प्रगति सोपान गढ़ें हम, वर्ष नवल शुभ मंगलमय हो ......
मौलिक और अप्रकाशित
Comment
रचना की सराहना के लिए हार्दिक धन्यवाद आदरणीय अशोक रक्ताले जी
आपको व् आपके पूरे परिवार को नववर्ष की हार्दिक बधाई
सादर.
आदरणीय सत्यनारायण सिंह जी
रचना की वैचारिकता पर आपका अनुमोदन हर्षित कर गया
धन्यवाद सहित आपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
आदरणीय अन्नपूर्णा बाजपेयी जी
बहुत बहुत धन्यवाद
आपको भी सपरिवार नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
धन्यवाद सहित आपको भी नव वर्ष की ढेर सारी शुभकामनाएं आ० लक्ष्मण प्रसाद लड़ीवाला जी
आदरणीया प्राचीजी , नव वर्ष की शुभ कामनाओं के साथ आपको इसअति सुंदर भाव पूर्ण और सब के लिए मंगल कामना करती प्रेरणादायी रचना की भी हार्दिक बधाई॥
आदरणीया प्राची जी , आपकी रचनायें हम सीखने वालों के लिये मील का पत्थर समान होती हैं, इन्हे पढ के हमे अपनी मंज़िल से दूरी का पता चलता है ॥ लाजवाब !! बेमिसाल ॥ आपको हार्दिक बधाइयाँ ॥
प्रतिपूरित हों अभिलाषाएं
सतरंगी मन परिभाषाएं,
हर सुयत्न उल्लास भरा हो
लक्ष्य-भेद विश्वास भरा हो,
स्वास्थ्यपूर्ण औ’ वैभवशाली, यशपूरित प्रति क्षण सुखमय हो .....जीवन में इंसान ऐसा सुख की कल्पना करता है. नव वर्ष की शुभ कामनाएँ सहित.सादर
गत्य धुरी पर आगत नित नव
युग्म सतत, प्रति क्षण हो उत्सव,
सद्विचार सन्मार्ग नियामक
ऊर्ध्व करें मानवता मस्तक,
मिटे कलुषता का अँधियारा, हृदय ज्ञान से ज्योतिर्मय हो ......
नित्य प्रगति सोपान गढ़ें हम, वर्ष नवल शुभ मंगलमय हो......आदरणीया प्राची जी बहुत ही सुंदर उन्नत भाव सम्प्रेषण .. हर बंद प्रेरक ..... हार्दिक बधाई और नव वर्ष की भी बहुत -२ बधाई शुभकामनाएं ..
सद्विचार सन्मार्ग नियामक
ऊर्ध्व करें मानवता मस्तक,
मिटे कलुषता का अँधियारा, हृदय ज्ञान से ज्योतिर्मय हो ......वाह ! अति सुन्दर गीत आदरणीया डॉ. प्राची सिंह जी ! एक सहज सरल मन की नव वर्ष में इससे अधिक क्या अभिलाषाएं होंगी. बहुत -बहुत बधाई स्वीकारें. आपके और आपके परिवार के लिए आने वाला वर्ष २०१४ मंगलकारी हो. यही शुभकामनाएं है. सादर.
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