For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग्यारह - बारह  बाद में , है  तेरह का साल

अंकों ने  कैसा  किया , देखो  आज कमाल

देखो आज कमाल , दिवस यह  अच्छा बीते

आज किसी के  स्वप्न , नहीं रह जायें रीते  

दिल कहता है अरूण, आज तू कुंडलिया कह

है तेरह का साल , मास- तिथि बारह-ग्यारह ||

 

अरूण कुमार निगम

आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)

 

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 851

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 19, 2013 at 10:25pm

कौतुकजन्य दिनांक यह, जीवन अपना धन्य

हफ़्ता-दिन-पल-साल क्रम, लेकिन यह दिन अन्य

लेकिन यह दिन अन्य, चकित हर नर नारी है

अंकों का व्यवहार, क्रमागत यह पारी है

घंट-मिनट-सेकण्ड, बढ़ाते हरदिल धुक-धुक

बड़भागी हम लोग, देखते तिथि का कौतुक

सादर आदरणीय अरुण भाईजी,, ,

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on December 14, 2013 at 5:03pm

सुन्दर कुंडलियाँ छंद के लिए बधाई श्री अरुण कुमार निगम जी -

ग्यारह बारह बाद में, तेरह का है वर्ष,

अंको में विश्वास कर, खूब मनाते हर्ष |

खूब मनाते हर्ष, दिवस खुशियों में बीते,

महिमा बड़ी अपार, अंक बिना शब्द रीते |

लक्ष्मण कहता बात,सुख दुःख तू सहता रह

यह तेरह का वर्ष, माह तिथि बाढ़-ग्यारह |   -लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on December 12, 2013 at 10:52pm

११-१२-१३ की विशिष्ट तारीख पर बहुत सुन्दर कुण्डलिया छंद कहा आदरणीय अरुण जी 

सभी के स्वप्नों की साकारता के लिए शुभकामना प्रेषित करने के लिए धन्यवाद 

 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on December 12, 2013 at 10:18pm

आदरणीय अरुण सर वाह कमाल की कुण्डलिया रची है बिल्कुल मौके के हिसाब से बधाई स्वीकार करें

Comment by Meena Pathak on December 12, 2013 at 3:09pm

बहुत सुन्दर | बधाई आप को , सादर 

Comment by Arun Sri on December 12, 2013 at 11:54am

त्वरित लेखन का उत्तम उदहारण ! बहुत सुन्दर आदरणीय !

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on December 12, 2013 at 11:45am

११-१२-१३ के गणित पर बहुत सुंदर रचना, आपकी शुभ कामनाओं के लिए धन्यवाद आदरणीय अरुण निगम जी

Comment by नादिर ख़ान on December 11, 2013 at 6:43pm

आदरणीय निगम जी, बहुत खूब कहा शानदार  कुंडलिया... बधाई .............


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 11, 2013 at 4:58pm

आदरणीय अरुण भाई , सुन्दर कुंडलिया के आज के दिन को यादगार बनाने के लिये आपको बहुत बधाई !!!!!!

Comment by coontee mukerji on December 11, 2013 at 4:54pm

बहुत खूब......आज खूब नये ज़ोड़े प्रणय सूत्र में बँध रहे है.11 12 13 आपके जीवन में खूब खुशियाँ लाये.

शुभेच्छु

कुंती.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Wednesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Tuesday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बहुत सुन्दर ग़ज़ल है आपकी। इतनी सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा है। कुछ शेर अच्छे लगे। बधई स्वीकार करें।"
Sunday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"सहृदय शुक्रिया ज़र्रा नवाज़ी का आदरणीय धामी सर"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service