For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मेरा मन झूम राधा हो : अरुन शर्मा 'अनन्त'

भलाई का इरादा हो,
परस्पर प्रेम आधा हो,

मुरारी की सुनूँ मुरली,
मेरा मन झूम राधा हो,

लबालब प्रेम से हो जग,
गली घरद्वार वृंदा हो,

यही मैं चाहता हूँ रब,
मेरी चाहत चुनिन्दा हो,

ह्रदय में प्रेम उपजे औ,
मधुर सम्बन्ध जिन्दा हो,

खुले आकाश के नीचे,
सदा निर्भय परिन्दा हो,

बसे इंसानियत दिल में,
मरा भीतर दरिन्दा हो....

मौलिक व अप्रकाशित ..

Views: 860

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Shyam Narain Verma on December 2, 2013 at 4:05pm
बहुत बहुत बधाई इस सुन्दर रचना के लिए ……………..
Comment by Meena Pathak on December 2, 2013 at 1:47pm

बहुत सुन्दर गज़ल | बधाई आप को आदरणीय अरुन जी | सादर 

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 2, 2013 at 1:15pm

आदरणीय बृजेश भाई जी आपका सदैव स्वागत है

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 2, 2013 at 1:15pm

आदरणीया गीतिका जी मतले की रूह तक पहुँचने के लिए तहे दिल से शुक्रिया ग़ज़ल पसंद आई सुनकर सुखद लगा

Comment by बृजेश नीरज on December 2, 2013 at 1:13pm

आदरणीय अरुण भाई, मेरे कहे को मान देने के लिए आपका आभार! बात स्पष्ट करने के लिए आपका आभार!

Comment by वेदिका on December 2, 2013 at 1:12pm

भलाई का इरादा हो,
परस्पर प्रेम आधा हो, ,,,वाह बहुत खूब मतला हुआ है| परस्पर प्रेम आधा हो, एक दूसरे का,एक दूसरे के लिए प्रतिबद्ध होना, दोनों का आधा आधा प्रेम, मिलके एकत्व का निर्माण करते हैं| "प्रेम गली अति साँकरी, जा मे दो न समाय" , आपकी भाव क्षमता को नमन!

हार्दिक शुभकामनायें !!

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 2, 2013 at 1:00pm

आदरणीय बृजेश भाई जी हृदयतल से हार्दिक आभार आपका स्नेह यूँ ही बना रहे. आदरणीय बृजेश भाई जी मैंने काफिया केवल आ लिया हुआ.

Comment by बृजेश नीरज on December 2, 2013 at 12:55pm

वाह! बहुत सुन्दर ग़ज़ल! वाह! आपको हार्दिक बधाई!

एक बात पूछनी थी आपसे कि क्या 'ध' और 'द' की तुकांतता मान्य है?

सादर!

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 2, 2013 at 12:51pm

आदरणीया क्यूंकि प्रेम कभी सम्पूर्ण नहीं होता आधा अधूरा ही होता है

Comment by Sarita Bhatia on December 2, 2013 at 12:03pm

मतला तो ठीक है 

पर यह आधा क्यों? यह समझ नहीं आया 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service