For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तुम्हारी मुझे जुस्तजू न होती...

 बेहतर था

कुछ कमी न होती,

आँखों में

यूँ नमी न होती...

तुम न आते गर

‘’जान ‘’यूँ

अधूरी न होती...

बंद ही रहता

अँधेरा कमरा,

रौशनी की

फिर गुंजाइश न होती...

न देखते सपने

न पंखों की

उडान होती...

फूंका न होता

दिल अपना,

तुम्हारी हाथ सेकने की

जो फरमाइश न होती...

तुम्हारा ख्याल ही जो

झटक दिया होता,

मेरे प्यार की

फिर पैमाइश न होती...

प्यार न होता

ये हाल न होता,

यूँ मेरे खिलाफ़

फिर दुनिया न होती...

बेहतर होता

यूँ कमी न होती,

तुम्हारी मुझे

जुस्तजू न होती...

 

(मौलिक एव अप्रकाशित)

- प्रियंका

Views: 719

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Priyanka singh on October 27, 2013 at 7:43pm

जितेन्द्र 'गीत' सर .... बहुत बहुत धन्यवाद ....सराहते रहे यूँही ...

Comment by Priyanka singh on October 27, 2013 at 7:41pm

रचना की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार, आदरणीय गिरिराज भंडारी सर

Comment by Priyanka singh on October 27, 2013 at 7:41pm

सराहना हेतु आपका हार्दिक आभार, आदरणीय केवल प्रसाद सर 

Comment by ram shiromani pathak on October 27, 2013 at 11:19am

सुन्दर रचना आदरणीया प्रियंका जी //हार्दिक बधाई आपको 

Comment by VISHAAL CHARCHCHIT on October 26, 2013 at 10:59pm

बहुत ही खूबसूरत भावों से लबरेज रचना के लिये दिल से बधाई स्वीकारें प्रियंका जी !!!!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on October 26, 2013 at 10:42am

प्रियंका जी इस खूबसूरत भावों से सजी रचना के लिये दिली दाद कुबूल करें

Comment by vijay nikore on October 26, 2013 at 8:03am

 

//फूंका न होता

दिल अपना,

तुम्हारी हाथ सेकने की

जो फरमाइश न होती...// .........  वाह, वाह...!

 

एक के बाद एक ... किस-किस भाव की सुन्दरता की ओर संकेत करूँ !

सारी कविता ऐसे ही कोमल भावों से भरपूर है।

हार्दिक बधाई, आदरणीया प्रियंका जी।

Comment by Sushil.Joshi on October 26, 2013 at 7:45am

वाह.....सुंदर शब्द संयोजन से सुसज्जित रचना....... बधाई आ0 प्रियंका जी इस प्रस्तुति के लिए....

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on October 26, 2013 at 12:27am

बेहद सुंदर शब्दों से पिरोई रचना पर, बधाई स्वीकारें आदरणीया प्रियंका जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 25, 2013 at 8:48pm

आदरणीया प्रियंका जी , सुन्दर प्रस्तुति के लिये बधाई !!!!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। गीत पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। गीत पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post रोला छंद. . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर रोला छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मतभेद
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
12 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

मार्गशीर्ष (दोहा अष्टक)

कहते गीता श्लोक में, स्वयं कृष्ण भगवान।मार्गशीर्ष हूँ मास मैं, सबसे उत्तम जान।1।ब्रह्मसरोवर तीर पर,…See More
12 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
12 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post लघुकविता
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय दयारामजी"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मतभेद
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  …See More
Monday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-169

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Monday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बेहतरीन 👌 प्रस्तुति और सार्थक प्रस्तुति हुई है ।हार्दिक बधाई सर "
Monday
Dayaram Methani commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, अति सुंदर गीत रचा अपने। बधाई स्वीकार करें।"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service