For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

!!! निरगुन !!!

मन है मेरा गंगा-जमुना,
तन वृन्दावन भाए।

नील गगन से नयनागर मे,
नटवर की छवि पाऊं प्रियतम!
नयन नीर छलकाए।

मन मन्दिर में मनमोहन सी,
मूरत सदा बसाऊं प्रियतम!
मन चंचल भरमाए।

सुध-बुध खोकर बुध्दि विचारूं,
ज्ञान-विराग लुटाऊं प्रियतम!
पग-पग नृत्य कराए।

निश-दिन तेरी ज्योति निहारूं,
लौ आत्मा से पाऊं प्रियतम!
यह तन दीप सुहाए।

प्रेम दया करूणाकर तुम हो,
सदा प्रेम रस गाऊं प्रियतम!
वचन भजन बन जाए।

मानसरोवर के हंसा तुम,
मैं अति पाप कहाऊं प्रियतम!
दया-क्षमा चितलाए।

मन सुख है गंगा की धारा,
तन भव नाव कहाऊं प्रियतम!
नाम सुमिर तर जाएं।

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 1148

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on August 14, 2013 at 9:29pm

आ0 प्राची मैम जी,  सादर प्रणाम!  आपका आशीष पाकर मैं धन्य हो गया। आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका हृदयतल आभारी हूं। सादर,  

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on August 14, 2013 at 9:27pm

आ0 सौरभ सर जी,  सादर प्रणाम!  आपका आशीष पाकर मैं धन्य हो गया। आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका हृदयतल आभारी हूं। सादर,  


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on August 14, 2013 at 3:39pm

बहुत गहन भावों को प्रस्तुत करती... मीरा की दीवानगी सी लिए सुन्दर अभिव्यक्ति पर बहुत बहुत बधाई आ० केवल प्रसाद जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 14, 2013 at 3:30pm
एक अलग तरह की प्रस्तुति एक अलग तरह की अनुभूति कराती .. आपको हार्दिक धन्यवाद
शुभ शुभ
Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on August 13, 2013 at 8:36pm

आ0 श्याम नारायण जी,  आपके स्नेह और उत्साहवर्धन से मेरी लेखनी को बल मिलता है।  आपका हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on August 13, 2013 at 8:33pm

आ0 शुभ्रा जी,  आपको भक्ति गीत पसन्द आया। ऐसे उत्साहवर्धन से मेरी लेखनी को बल मिला।  आपका हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by Shyam Narain Verma on August 13, 2013 at 10:04am
बहुत ही सुन्दर! हार्दिक बधाई आपको!
Comment by shubhra sharma on August 12, 2013 at 10:57pm

आदरणीय केवल जी  , सुन्दर भाव ,अनुराग से परिपूर्ण भक्ति गीत  के लिए  हार्दिक बधाई 

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on August 12, 2013 at 8:58pm

आ0 राजेश भाई जी,  आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका हृदयतल से शुक्रिया व  बहुत बहुत आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on August 12, 2013 at 8:57pm

आ0 जीतेन्द्र भाई जी,  आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका बहुत बहुत आभार।  सादर,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
6 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मनन कुमार सिंह जी। बोलचाल में दोनों चलते हैं: खिलवाना, खिलाना/खेलाना।…"
20 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आपका आभार उस्मानी जी। तू सब  के बदले  तुम सब  होना चाहिए।शेष ठीक है। पंच की उक्ति…"
20 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"रचना भावपूर्ण है,पर पात्राधिक्य से कथ्य बोझिल हुआ लगता है।कसावट और बारीक बनावट वांछित है। भाषा…"
20 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आदरणीय शेख उस्मानी साहिब जी प्रयास पर  आपकी  अमूल्य प्रतिक्रिया ने उसे समृद्ध किया ।…"
21 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आदाब। इस बहुत ही दिलचस्प और गंभीर भी रचना पर हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह साहिब।  ऐसे…"
21 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"जेठांश "क्या?" "नहीं समझा?" "नहीं तो।" "तो सुन।तू छोटा है,मैं…"
23 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"हार्दिक स्वागत आदरणीय सुशील सरना साहिब। बढ़िया विषय और कथानक बढ़िया कथ्य लिए। हार्दिक बधाई। अंतिम…"
yesterday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"माँ ...... "पापा"। "हाँ बेटे, राहुल "। "पापा, कोर्ट का टाईम हो रहा है ।…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"वादी और वादियॉं (लघुकथा) : आज फ़िर देशवासी अपने बापू जी को भिन्न-भिन्न आयोजनों में याद कर रहे थे।…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"स्वागतम "
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service