For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दे विधान भी कड़े कड़े

चीन ने भारतीय सीमा के अन्दर घुसकर ५ किलोमीटर लम्बी सड़क बनाई....तब कवि को लेखनी उठानी पड़ती है.......जागरण के लिए.....

1

भारती महान किन्तु अन्धकार का वितान, है अमा समान ज्ञान का नहीं प्रसार है
द्रोह वृद्धि की कमान, भ्रष्टनीति की मचान, क्यों सजी हुई कि स्वाभिमान तार तार है
मानवीयता न ध्यान, पाप पुण्य व्यर्थ मान, दानवी मनुष्य का मनुष्य पे प्रहार है
धर्म का रहा न मान, रुग्ण आँख नाक कान, शत्रु का लखो विवेक नाश हेतु वार है

2

क्यों नपुन्सकी प्रवृत्ति का प्रसार बार बार, और राष्ट्र शत्रु हौसले लिए बड़े बड़े
अंडमान के दिए गए उसे अनेक द्वीप, रो रहा त्रिवर्ण केतु क्यों दिया बिना लड़े
भीरु संसदीय कार्यपालिका बनी अपार, प्रश्न तो महत्त्वपूर्ण आज ही हुए खड़े
त्याग लोकतन्त्र वीर हाथ में संभाल राज्य देश के निमित्त दे विधान भी कड़े कड़े
रचनाकार
डॉ आशुतोष वाजपेयी
ज्योतिषाचार्य
लखनऊ

Views: 759

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr Ashutosh Vajpeyee on May 28, 2013 at 3:32pm

बहुत आभार गणेश बागी जी मै धन्य हुआ......बहुत आभार 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 28, 2013 at 9:04am

आदरणीय डॉ आशुतोष बाजपेयी जी, सामयिक मुद्दे पर इन दो घनाक्षरियों के माध्यम से आपने अत्यंत खूबसूरती से करोड़ों भारतीयों की भावनाओं को स्वर देने का काम किया है, रचना शिल्प देख मुग्ध हूँ , बहुत बहुत बधाई प्रेषित करता हूँ, कृपया स्वीकार करना चाहेंगे । 

Comment by Dr Ashutosh Vajpeyee on May 28, 2013 at 9:01am

बहुत बहुत आभार डॉ प्राची जी, अभिनव अरुण जी, जवाहर लाल जी.....इसी प्रकार की स्नेह वृष्टि भविष्य में भी अपेक्षित है.......पुनः आभार

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on May 28, 2013 at 5:34am

सामयिक आह्वान!

Comment by Abhinav Arun on May 27, 2013 at 6:53pm

सही लिखा डॉ  आशुतोष जी अब समय सीधी  बात का है , सशक्त रचना , आपने कवी धर्म का जिम्मेदार निर्वहन किया है हार्दिक बधाई और शुभकामनायें !!


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on May 27, 2013 at 6:44pm

सामयिक मुद्दों पर कवि की प्रभावशाली लेखनी पर हार्दिक साधुवाद 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
2 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मनन कुमार सिंह जी। बोलचाल में दोनों चलते हैं: खिलवाना, खिलाना/खेलाना।…"
16 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आपका आभार उस्मानी जी। तू सब  के बदले  तुम सब  होना चाहिए।शेष ठीक है। पंच की उक्ति…"
16 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"रचना भावपूर्ण है,पर पात्राधिक्य से कथ्य बोझिल हुआ लगता है।कसावट और बारीक बनावट वांछित है। भाषा…"
16 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आदरणीय शेख उस्मानी साहिब जी प्रयास पर  आपकी  अमूल्य प्रतिक्रिया ने उसे समृद्ध किया ।…"
17 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आदाब। इस बहुत ही दिलचस्प और गंभीर भी रचना पर हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह साहिब।  ऐसे…"
17 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"जेठांश "क्या?" "नहीं समझा?" "नहीं तो।" "तो सुन।तू छोटा है,मैं…"
19 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"हार्दिक स्वागत आदरणीय सुशील सरना साहिब। बढ़िया विषय और कथानक बढ़िया कथ्य लिए। हार्दिक बधाई। अंतिम…"
22 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"माँ ...... "पापा"। "हाँ बेटे, राहुल "। "पापा, कोर्ट का टाईम हो रहा है ।…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"वादी और वादियॉं (लघुकथा) : आज फ़िर देशवासी अपने बापू जी को भिन्न-भिन्न आयोजनों में याद कर रहे थे।…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"स्वागतम "
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service