सुधि पाठकगण,
अंतर्राष्ट्रीय हिंदी ई-पत्रिका “प्रयास” का चतुर्थ अंक ’माँ’ विशेषांक के रूप में विश्व की कोटि-कोटि माओं को पूरे आदर के साथ समर्पित है। हमें पूरा विश्वास है कि समस्त हिंदी प्रेमियों को यह अंक पसंद आयेगा।
आप इस अंक को www.vishvahindisansthan.com/prayas4 पर क्लिक कर के पढ़ सकते हैं। पेज को बड़ा-छोटा करने की सुविधा पेज पर ही उपलब्ध है। पेज की बायीं तरफ़ नीचे एक + चिन्ह वाला लैंस है, उस पर क्लिक करेंगे तो पेज/फ़ांट बड़े-छोटे हो जायेंगे। तो पढ़ जाइये १ से ४८ तक हर पन्ना और फिर बताइये, कैसी लगी माओं को हमारी और आपकी ये मिलीजुली भेंट - “प्रयास”।
कृपया अधिक से अधिक हिंदी प्रेमी मित्रों को यह लिंक फ़ार्वर्ड कर विश्व की हर माँ तक इस “प्रयास” को पहुँचाने में अपना योगदान करें।
प्रो. सरन घई, संपादक “प्रयास” व संस्थापक, विश्व हिंदी संस्थान, कनाडा
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आदरणीय बहुत प्रशंसनीय एवं सराहनीय कार्य हैं! इस सुन्दर कार्य हेतु आपको हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं.
आदरणीय बहुत प्रशंसनीय एवं सराहनीय कार्य, सभी माँ को प्रणाम, माँ है तो हम हैं. समय मिलते ही पढ़कर अनुमोदन अवश्य करूँगा. इस सुन्दर कार्य हेतु आपको हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं.
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