अभिलाषा
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सुकोमल भाव लिए प्रवाहमय सुन्दर प्रस्तुति... स्वप्नों की ओर
हार्दिक बधाई आदरणीय विजय निकोर जी
आदरणीय विजय सर दिल से निकले सुन्दर भाव ///////वाह वाह !!हार्दिक बधाई
बहुत भावुक निमंत्रण और आहवाहन! अप्रतिम! दिल में दूर तक गहरे पैठती हुई। पहली पंक्ति से अंतिम अक्षर तक प्रवाह निरंतर बना रहा और डूबते चले गए। काश यह प्रवाह यूं ही चलता रहता।
बहुत बहुत बधाई आदरणीय!
सादर!
आदरणीय विजय सर जी सादर प्रणाम
बहुत ही भावपूर्ण रचना
दिल मे बहुत गहरे उतरी है
इक इक शब्द मे आपने दिल उतार दिया है
यकीन मानिए आप अपनी प्रिय को ये रचना मत पढ़ाईएगा
उनके आँख से आँसू न रुकेंगे
सादर बधाई स्वीकारें
ऐसे निश्च्छल निमंत्रण के आगे नतमस्तक हूँ
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