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ये तो होना ही था

जिन्दगी में ये सब होना ही था

हर ख़ुशी की चाह मे रोना ही था

रिश्ते नाते प्यार वादों का महल

टुटा खंडहर एक दिन होना ही था

दूसरों के बोझ ढोते रह गए

अपने गम का बोझ भी ढोना ही था

दौड़ मे मंजिल भी पीछे रह गई

कारवां का साथ भी खोना ही था

भरम की दुनिया मे जाकर खो गए

सामना हकीकत से होना ही था

खुशियों के सारे जतन कर थक गए

जो लिखा किस्मत में वो होना ही था

Dr.Ajay.Khare Aahat

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Comment

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Comment by coontee mukerji on April 4, 2013 at 5:49pm

डाक्टर जी..माना की गम बहुत है दुनिया में . अगर एक एक पल को खुश होकर जिया जाय तो तकलीफ़ अपने आप कम हो जाती हैं. ऐसा मैं मनती हूँ.

Comment by Dr.Ajay Khare on April 4, 2013 at 11:54am

dandeep ji sadubad

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on April 3, 2013 at 9:41pm

सच कहा आपने जो लिखा वो तो होना ही था

वाह उम्दा भाव हैं बधाई हो

कृपया ध्यान दे...

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