For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आखरी वादा ..........

मैं तुझे भूल जाऊं,ना कभी याद आऊँ
यह आखरी वादा तुमने मुझसे ही लिया
जिस पल भी तेरी याद आयी
उस पल को ही मिटा दिया

काश, हवाओं को भी कुछ कह जाती 

मौसमो को भी यह कसम दे जाती

हवाएँ पूछती रही उस गुलबदन का पता
जिसे छू कर वो महकती थीं
बारिश की बूंदे ज़ुल्फो को तरसती रही
जिन पर गिर, धीरे धीरे फिसलती थीं
वो तारा अब दिन मे भी निकलता है
जिसे तुम मेरी चमकती तकदीर कहती थी
वह पेड़ आज भी उतना ही घना है
छाँव मे जिसकी,तुम इंतज़ार करती थी
अपने पत्तों को भी उसने गिरने ना दिया

इन सब ने तेरी याद मे
चैन से मुझे जीने ना दिया
पर मेरी पाक मोहब्बत ने
यह आखरी वादा भी पूरा किया...........

[मौलिक व अप्रकाशित]

 

Views: 465

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by pawan amba on March 8, 2013 at 8:28am

 KISHAN KUMAR Ji........ Meena Pathak Ji  .........DILEEP KUMAR JAISWAL  sahab....aap sb ka dhanywaad....

Comment by DILEEP KUMAR JAISWAL on March 1, 2013 at 8:37pm

पर मेरी पाक मोहब्बत ने 
यह आखरी वादा भी पूरा किया...........

 ye line mujhako bhi bahot pasand aayi......

Comment by Meena Pathak on March 1, 2013 at 2:03pm

बहुत बहुत सुन्दर रचना .. बधाई 

Comment by pawan amba on February 28, 2013 at 4:15am

बहुत बहुत आभार आपका राम शिरोमणि पाठक जी,,,ram shiromani pathak ji

Comment by ram shiromani pathak on February 27, 2013 at 9:19pm

इन सब ने तेरी याद मे
चैन से मुझे जीने ना दिया
पर मेरी पाक मोहब्बत ने
यह आखरी वादा भी पूरा किया...........

ये पंक्तिया मुझे बहोत अच्छी लगी आदरणीय पवन जी  ......हार्दिक  बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . रोटी
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे रचे हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . विविध
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है सर "
Thursday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . विरह
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
Thursday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया ....
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय "
Thursday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . कागज
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी स्नेहिल प्रशंसा का दिल से आभारी है सर ।  नव वर्ष की हार्दिक…"
Thursday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .शीत शृंगार
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी । नववर्ष की…"
Thursday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . दिन चार
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।नववर्ष की हार्दिक बधाई…"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . दिन चार
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे रचे हैं। हार्दिक बधाई।"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .शीत शृंगार
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे रचे हैं। हार्दिक बधाई"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . कागज
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे रचे हैं। हार्दिक बधाई"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post नूतन वर्ष
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।।"
Wednesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-117
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मनन कुमार सिंह साहिब। लेखन के विपरित वातावरण में इतना और ऐसा ही लिख सका।…"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service