For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सरकार की अपना करो बखान

क्या खूब किया इसने इंसाफ

खाली कर दिया देश खजाना

बचाने को आतंकी मियां “कसाब”

 

हत्याओं की लगा कतार

फाँसी लटके खुद भी यार

पाप की सजा जो तुमने पाई

पाक की इज्जत खाक मिलाई

 

आतंकियों का बन शिरोमणि

ताज पर बमो की झड़ी लगाई

बेगुनाहों का मार के यारा

माफ़ी की फिर गुहार लगाई

 

जख्म भी ऐसे दिए जहाँ को

शैतान भी ले सर झुका

जेल में रह कर भी

पड़ा ना ढीला

बिरयानी खा मौज मनाई

सन्देश देना मात को मेरी

अंतिम इच्छा ये जताई

 

एक युग का अंत हो गया

अब अजमल की भी बारी आई

देश भक्तो ने ख़ुशी मनाई

आंतकियों की जो सामत आई

जय हिन्द जय भारत

Views: 512

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Yogi Saraswat on November 24, 2012 at 11:06am

जख्म भी ऐसे दिए जहाँ को

शैतान भी ले सर झुका

जेल में रह कर भी

पड़ा ना ढीला

बिरयानी खा मौज मनाई

सन्देश देना मात को मेरी

अंतिम इच्छा ये जताई

निस्चित रूप से बुरा लगता है श्री फूल सिंह जी , जब न्याय मिलने में देरी होती है और ऐसे दुर्दांत आतंकवादियों को पाला जाता है ! लेकिन कानून की अपनी रफ्तार होती है ! अब तो आतंकवादियों का पनाहगार खुद आतंक का शिकार हो रहा है ! वो कहते हैं ना की जेया के पांव न फटी बिवाई , वो क्या जाने पीर पराई ! बहुत सामयिक और सटीक शब्द लिखे हैं आपने


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 22, 2012 at 5:49pm

अच्छी समसामयिक रचना जय भारत 

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on November 22, 2012 at 5:46pm

lage raho...lage raho...safalta  milegi zaroor

Comment by PHOOL SINGH on November 22, 2012 at 5:10pm

लक्ष्मण जी प्रणाम

आपका बहुत बहुत शुक्रिया

फूल सिंह

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 22, 2012 at 4:42pm

जय हिन्द जय भारत

Comment by akhilesh mishra on November 22, 2012 at 4:27pm

बढ़िया सामयिक कविता ।बधाई  श्रीमान । 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बढ़िया शीर्षक सहित बढ़िया रचना विषयांतर्गत। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"रचना पटल पर उपस्थिति और विस्तृत समीक्षात्मक मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय तेजवीर…"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"जिजीविषा गंगाधर बाबू के रिटायर हुए कोई लंबा अरसा नहीं गुजरा था।यही दो -ढाई साल पहले सचिवालय की…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी साहब जी , इस प्रयोगात्मक लघुकथा से इस गोष्ठी के शुभारंभ हेतु हार्दिक…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service