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रक्त से सनी
भूमि
सुर्ख नहीं
हरी भरी
फलती फूलती
कलकल निनाद से
बहती श्वेत धारा
धो डालती है
सारे पाप
गंगा
अति पावन
मीठा स्वाद
इक अजीब सी ठंडक
पीड़ा हरने का
कोई रसायन मिला हो जैसे
कौन जानता है ??
पीड़ा !!
माँ की
धरती माँ की
जिसके कलकल बहते
अश्रु  खारे नहीं है
वो रक्त में सनी
अपने हर एक
पूत कपूत
इक इक मिटते कण पर
शोक करती
चीखती
विलाप करती
सहती है चुप चाप
लेकिन थामे रहती
अपने आस्तित्व को
इतनी पीड़ा सहते
जब वो बदलती है करवट
तब नहीं सह पाती
उसकी ये
मतलबी संताने
करती हैं
विलाप
कोसती है उस माँ को
जिससे वे जीवन धारा को
कभी गहरा दरिया
और कभी अथाह सागर बनाते हैं
भूल जाते हैं
तनिक से कष्ट में
फिर याद नहीं आती
वो बहार की अमराई
वो नदियों की स्वरलहरी
वो हरियाली
दीखता है सर्वत्र निपट सूना आसमान
सूखा पोखर
 उड़ती हुई धूल
बंजर ही बंजर
क्या केवल माँ को कर्तव्यनिष्ठ होना चाहिए
बच्चों का माँ के प्रति कोई कर्तव्य नहीं है 
हे सृष्टि हे वसुंधरा 
तुम्हारा ऋण
चुकाना असहज है
इसे चिंतन में लाना भी संभव नहीं
तुम तो स्थिर माँ हो
जो हर जन्म में
माँ ही रहेगी
हम अधम आपके ऋण से
मुक्त नहीं हो सकते
ये क्षोभ है
तुम्हारी गोद में
जब अंतिम विश्राम करते है
तब बताओ भला
सारा ज़माना हमें छोड़ चुका होता है
बस तुम ही तो हो
जो सदैव लगाये रहती हो
अपने कलेजे से
नहीं भूलती इक पल को भी
हर वक़्त पल पल
मेरे पद चापों से मिली पीड़ा को
भूल कर
लगा लेती हो अपने कलेजे से
तुम सा
बड़े ह्रदय वाला तो सागर भी नहीं
तुम हो तो सृष्टि है
अन्यथा शून्य के सिवा कुछ भी नहीं

संदीप पटेल "दीप"

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Comment

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सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on November 4, 2012 at 6:31pm

//कुछ कठिन दौर से गुजर रहा हूँ आशा है जल्द ही आप सबके आशीर्वाद और दुआओं से सब ठीक हो जायेगा//

देव की दयामय दृष्टि दारुण दुःखों से दूर रखे.. .

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on November 4, 2012 at 4:59pm

आदरणीय लक्षमण सर जी , आदरणीय गुरुवर सौरभ सर जी सादर प्रणाम 

आप सभी का ह्रदय से शुक्रिया और सादर आभार
वक़्त की कमी के वजह से वक़्त नहीं दे पा रहा हूँ कुछ कठिन दौर से गुजर रहा हूँ आशा है जल्द ही आप सबके आशीर्वाद और दुआओं से सब ठीक हो जायेगा

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 2, 2012 at 11:44am

सुन्दर अभ्व्यक्ति विशेतः "तुम हो तो सृष्टि है,
अन्यथा शून्य के सिवा कुछ भी नहीं" हार्दिक बधाई श्री संदीप कुमार पटेल 
भाई


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on November 2, 2012 at 11:03am

//क्या केवल माँ को कर्तव्यनिष्ठ होना चाहिए
बच्चों का माँ के प्रति कोई कर्तव्य नहीं है //

इन विचारों पर मेरी शुभेच्छा... . 

लगता है शीघ्रता में प्रस्तुत रचना पोस्ट हुई है.

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