For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बावरिया हो भागती, सजनी ज्यों पिय ओर l

दीवानी मीरा बनी, थाम कन्हैया डोर ll

थाम कन्हैया डोर, प्रेम में सुध बुध हारी l

मोहबंध सब त्याग, पुकारूँ बस गिरधारी ll

प्राण भक्ति में लीन, ओढ़ चूनर केसरिया l

प्रभु संग मधुर मिलन, हुई जोगन बावरिया ll

*********************

Views: 767

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on November 25, 2012 at 5:57pm

आदरणीय फूल सिंह जी हार्दिक आभार 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on November 25, 2012 at 4:53pm

मुझे अच्छी लगी 

बधाई. 

Comment by PHOOL SINGH on November 12, 2012 at 1:23pm

प्राची जी प्रणाम.......

सुंदर अतिसुंदर भावपूर्ण रचना  ......"सपरिवार सहित आपको शुभ दीपावली"

फूल सिंह


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on November 3, 2012 at 9:53am

आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी,

इस रचना के भावों की शुद्धता और गहनता को अनुमोदित करने हेतु आपकी हृदय से आभारी हूँ. सादर.

शिल्पगत चर्चा पर आपका कथन बहुत सार्थक और लाभप्रद है..हार्दिक आभार.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on November 3, 2012 at 9:47am

आदरणीय लक्ष्मण प्रसाद लाडिवाला जी यह कुण्डलिया पसंद करने के लिए आभार. टिप्पणियों के माध्यम से लेखन के सूक्ष्मतम रहस्य भी साँझा होते हैं, इसलिए उनको ध्यान पूर्वक पड़ना रचनाकारों के लिए बहुत लाभप्रद होता है. 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 2, 2012 at 11:29am

सुन्दर दोहा-रोला और साथ ही सीमाजी की टिप्पणियों से प्राप्त लाभप्रद जानकारी के लिए आभार स्वीकारे  


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on November 2, 2012 at 10:52am

//प्रभु संग मधुर मिलन, हुई जोगन बावरिया//

कितनी अद्भुत, साथ ही कितनी धुर विरोधी चिर संयुज्य भावनाएँ शब्दाकार ले रही हैं ! सर्वोच्च सम्मिलन की सर्वोत्तम परिणति जोगन (योगिनी का अप्रभंश) के भाव की वाहक ! ’वहाँ’ हो कर न होने का चिरंतन भाव. ’प्राप्ति’ के प्रति कैसी निर्लिप्तता. वाह ! ऐसे उत्कृष्ट विचारों का होना ही हमारी संस्कृति द्वारा निर्धारित सम्बन्धों का उन्नत स्वरूप है.

शिल्प पर टिप्पणियों के माध्यम से हुई चर्चा समीचीन है. मिलन को ग़ज़ल के अरुज़ के अनुसार १ २ यानि लघु-गुरु का रूप देना उचित नहीं, चाहे उच्चारण का आवरण ही क्यों न लिया जाय.

शुभ-शुभ


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on November 1, 2012 at 6:57pm

आदरणीया सीमा जी, आप बिलकुल सही कह रही हैं, शब्दों को आगे पीछे करने से आपके द्वारा बताये रूप //मधुर मिलन प्रभु संग,हुई जोगन बावरिया // में प्रवाह उचित लग रहा है. हार्दिक आभार.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on November 1, 2012 at 6:55pm

आदरणीय इ. वीर प्रकाश जी , इस रचना का अनुराग आप तक संप्रेषित हुआ, आपकी आभारी हूँ. सादर.

Comment by seema agrawal on November 1, 2012 at 11:03am

प्राची मुझे लगता है बहुत ज्यादा  परिवर्तन की आवश्यकता नहीं है 
प्रभु संग मधुर मिलन, हुई जोगन बावरिया ll//को मधुर मिलन प्रभु संग,हुई जोगन बावरिया करने से यह ठीक  हो जाएगा 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
15 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
15 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"किसी भोजपुरी रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्द्धन किया जाना मुझे अभिभूत कर रहा है। हार्दिक बधाई,…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुन्दर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Shyam Narain Verma replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर भोजपुरी ग़ज़ल की प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल : निभत बा दरद से // सौरभ

जवन घाव पाकी उहे दी दवाईनिभत बा दरद से निभे दीं मिताई  बजर लीं भले खून माथा चढ़ावत कइलका कहाई अलाई…See More
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Sunday
Shyam Narain Verma commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर और ज्ञान वर्धक लघुकथा, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service