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क्या लिखूं अब मैं .....

क्या लिखूँ अब मैं
सब तो लिख दिया मैंने
अपने दिल की बाते
टूटे ख्वाबों की यादे
सब..............
क्या लिखूँ अब मैं................
सब तो लिख दिया मैंने.............................

जिन्दगी----- कल भी तो ऐसी ही थी
कुछ भी तो नही बदला
कल भी जी रहे थे बिन अपनों के हम
और आज भी तो जी ही रहे है............
कुछ भी तो नही बदला
क्या लिखूँ अब मैं......
सब तो लिख दिया मैंने..............

जब सीखा था अपने दिल को कागज़ पर उतारना
तो सबसे पहले दर्द चला आया था ........
लोग आये दोस्त बने और चले गये
मगर ये दर्द आज भी है मेरे साथ जो कल भी था.......
अब और क्या लिखूँ मैं
सब तो लिख दिया मैंने.............

अपने बचपन के किस्से
माँ की कहानियां
भाई बहनों से लड़ना
दादा जी की निशानियाँ .
पापा का प्यार
मम्मी की कुर्बानियां ........
सब तो लिख दिया मैंने
अब और क्या लिखूँ मैं..........
सब तो लिख दिया मैंने..............
सब तो लिख दिया मैंने.......!!

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Comment

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Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 5, 2012 at 1:18pm
जो लिखा अभ्व्यक्त किया उसके लिए बधाई -

सात समंदर की मसि करों,लेखनी सब बन राय, धरती रो कागद करों,हरी गुण लिख्या न जाय ।

लिख दिया भूत काल का, वर्तमान अब शेष, देख रहे चहु ओर हम, वह भी लिखना शेष ।-लक्ष्मण लडीवाला 
Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on November 5, 2012 at 12:56pm

अभी बहुत कुछ लिखना बाक़ी है. 

Comment by seema agrawal on September 26, 2012 at 6:52pm

भावों को यूं ही कलमबद्ध करती रहिये ........सुन्दर, सहज सम्प्रेषण ......बधाई सोनम जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on September 26, 2012 at 5:56pm
क्या लिखूं अब मैं..?
सुन्दर भावाभिव्यक्ति प्रिय सोनम जी..
जब मन, 'मैं' के आवरण में जीता है, तो यही भावदशा जीता है, जिसमें सब छिनता जाता सा, दर्द भरा, पल पल बदलता सा प्रतीत होता है. 
मगर ये दर्द आज भी है मेरे साथ जो कल भी था.........
अपने साथ दर्द को ले कर चलना, ये व्यक्ति का स्वयं का ही चयन हुआ करता है, वर्ना भूत काल में कई खुशियों के लम्हे भी होते हैं.
यदि वर्तमान में संग लायें तो दर्द क्यों और दर्द भरी यादें क्यों? गर्व भरे खुशियों के पल क्यों नहीं....?
इस बिना बनावट की, सहज भावाभिव्यक्ति हेतु हार्दिक बधाई आपको.
Comment by PHOOL SINGH on September 26, 2012 at 12:08pm

सोनम जी नमस्कार..

बहुत ही भावपूर्ण रचना.....

फूल सिंह

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