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जीवन... जीतें हैं लोग...
वही... जो, जैसा मिल जाता है उन्हें...
पर इस एक जीवन में... है एक और जीवन...
जिसे, अक्सर भूल जातें हैं हम...
वो है 'रंगों' का जीवन...
हर रंग एक जीवन खुद में...
हर जीवन एक रंग खुद में....
हर रंग की अपनी कहानी...
हर कहानी का अपना रंग...
खुशियाँ, उदासियाँ, उल्लास, विश्वास...
जीवन की तरह हर मोड़ है यहाँ...
हर खुशबू है, हर सपना है...

कभी उदासी में साथ देता...
कभी मुस्कान में चार-चाँद लगता...
इन्सां बदलते देखे...
रंगों का हाथ पकड़ते छोड़ते देखे...
पर ये रंग... ... ...
ये कभी नहीं बदलते...
इनकी तासीर... इनके एहसास, रहते हैं...
हमेशा... एक जैसे...
बस... एह्सासना नहीं आता हमें...
कभी जो रंग लगता चमकीला...
कभी उसी की चमक चुभती आँखों को...
कभी जिस रंग की उदासी लुभाती...
कभी उसकी उसकी उदासी ध्यान बंटाती...

इन रंगों ने तो देना चाह जीवन हमेशा...
ये बताते इनकी तरह है जीवन भी...
हर रंग से भरा...
बस, चुनना है हमें...
सही रंग, और भरना है उसे...
सही मात्रा में... तो ही...
देखेंगे हम, जीवन के 'कैनवास' में...
सजता... हर वो रंग...
जो करता हो पूरा...
हमारा चित्र... हमारा 'जीवन'...!!

::::::::जूली मुलानी::::::::
:::::::;Julie Mulani::::::::

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Comment

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Comment by Julie on October 22, 2010 at 11:48am
Shesh jee Thank-U SO much for Ur very Loving Words... Absolutely Right You are that Friends fill Colours in Our Life... I'm Really Glad to be Ur Friend... tOO...!! Thanks for the Comment...!! :-)
Comment by Julie on October 11, 2010 at 11:47pm
बागी जी सही कहा आपने... "रंगों का जीवन मे साक्षात्कार कर लेना ही तो जिन्दगी है"... बहुत बहुत शुक्रिया आपकी बधाई का...!! :-)
Comment by Julie on October 11, 2010 at 11:46pm
नविन जी उम्मीद करती हूँ... इस बार आपका पेट भर गया होगा... :-))) खैर... आपकी हौंसला अफजाई का बहुत बहुत शुक्रिया... पसंद आया जान के ख़ुशी हुई...!! :-)
Comment by Julie on October 11, 2010 at 11:45pm
शुक्रिया 'अभिनव जी'... बस कोशिश ज़ारी है... आपकी शुभकामनाओं का तहे दिल से आभार...!! :-)
Comment by Julie on October 11, 2010 at 11:44pm
शुक्रिया 'राणा जी'...!!
Comment by Julie on October 11, 2010 at 11:44pm
दीप जी सही फ़रमाया आपनें...!!

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 10, 2010 at 12:38pm
बस, चुनना है हमें...
सही रंग, और भरना है उसे...
सही मात्रा में... तो ही...
देखेंगे हम, जीवन के 'कैनवास' में...
सजता... हर वो रंग...
जो करता हो पूरा...
हमारा चित्र... हमारा 'जीवन'...!!
बहुत बढ़िया जुली जी, जीवन मे कई रंग होते है , रंगों का जीवन मे साक्षात्कार कर लेना ही तो जिन्दगी है , बधाई इस खुबसूरत कविता पर |
Comment by Abhinav Arun on October 10, 2010 at 9:18am
सच है भावनाओं के चटख रंग में पगी आपकी रचना ,ताजगी भरी और इन्द्रधनुषी है. यूं ही ओ.बी.ओ. को खुश रंग करतीं रहें .शुभकामनाएं .

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Rana Pratap Singh on October 10, 2010 at 8:42am
बहुत सुन्दर...जीवन रंग बिरंगा|
Comment by DEEP ZIRVI on October 9, 2010 at 11:37pm
रंगीन दुनियाँ मे रंग हीनजल भी है ;जिसका कोई रंग न्हीं और सभी रंग जिस के हैं

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