For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सुगंध सुहानी आयेंगी  इस मोड़ के बाद 

यादें गाँव की लाएंगी  इस मोड़ के बाद 

जिस नीम पे झूला करता था बचपन मेरा 

वही डालियाँ बुलाएंगी इस मोड़ के बाद 

अब तक बसी हैं फसलें जो मेरी नज़रों में

देखो अभी लहरायेंगी इस मोड़ के बाद 

बिछुड़ गई थी दोस्ती जीवन की राहों में 

वो झप्पियाँ बरसाएंगी इस मोड़ के बाद 

नखरों से खाते थे जिन हाथों से निवाले 

वो अंगुलियाँ तरसायेंगी इस मोड़ के बाद 

मचल रही होंगी बड़ी भाभी और बहनिया 

बैग मेरा खुलवायेंगी इस मोड़ के बाद 

समझ  लेता था मैं जिनके मन की भाषाएँ 

वो गइयां पूंछ हिलाएंगी इस मोड़ के बाद 

देख के फौजी वर्दी  भर आयेंगी आँखें

माँ आँचल में छुपायेंगी  इस मोड़ के बाद 

मिलती हैं जो जाकर मेरे घर के द्वार से 

 पगडंडियाँ अब आयेंगी इस मोड़ के बाद

                     *********

 

Views: 505

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 19, 2012 at 8:08am

हार्दिक आभार मृदु जी आपकी सराहना और उत्साह वर्धन के लिए 

Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on July 18, 2012 at 11:17pm

क्या खूबसूरत भाव संजोये हैं आपने आदरणीया राजेशकुमारी जी इस कृति में आपने एक फौजी के विचारों को इतने सहज रूप में लिख दिया है आपको शत-शत नमन एवं हार्दिक बधाई


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 18, 2012 at 7:35pm

बहुत- बहुत हार्दिक बधाई प्राची जी रचना के आंतरिक भावों की सही नब्ज पकड़ी जो चित्र आपने पहचाना वही है  पहली बार फौजी वर्दी पहनकर किसी का लाडला गाँव वापस आते हुए क्या क्या सोचता है बस उन्ही भावों को उकेरा है 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on July 18, 2012 at 7:19pm

एक नाज़ुक सा पल , जब फ़ौजी अपने घर लौट रहा है/ या फिर एक मुकाम के बाद उसे लौटना है.....उसके मन का भावों का, अन्तर्वार्ता का पूरा का पूरा X -RAY उतार कर रख दिया आपने आदरणीया राजेश कुमारी जी. इस सुन्दर भावाभिव्यक्ति पर हार्दिक बधाई.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 18, 2012 at 3:44pm

संदीप कुमार पटेल जी हार्दिक आभार 

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on July 18, 2012 at 2:53pm

आह समेटे इस सुन्दर काव्य को आपने भावों से अलंकृत किया है वो अद्भुत है
सुन्दर सहज शब्दावली में सारी बात कह डाली है आपने
लाजवाब बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीया राजेश कुमारी जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 18, 2012 at 12:04pm

हार्दिक आभार अरुन शर्मा जी 

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 18, 2012 at 11:22am

आदरणीया बहुत ही खूबसूरती से लिखी है ये रचना आपने. बधाई स्वीकार करें.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"माँ ...... "पापा"। "हाँ बेटे, राहुल "। "पापा, कोर्ट का टाईम हो रहा है ।…"
2 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"वादी और वादियॉं (लघुकथा) : आज फ़िर देशवासी अपने बापू जी को भिन्न-भिन्न आयोजनों में याद कर रहे थे।…"
19 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"स्वागतम "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on नाथ सोनांचली's blog post कविता (गीत) : नाथ सोनांचली
"आ. भाई नाथ सोनांचली जी, सादर अभिवादन। अच्छा गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।"ओबीओ…See More
Sunday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"धन्यवाद सर, आप आते हैं तो उत्साह दोगुना हो जाता है।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और सुझाव के लिए धन्यवाद।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. रिचा जी, अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। आपकी उपस्थिति और स्नेह पा गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ । आपके अनुमोदन…"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. रिचा जी अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई। "
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुइ है। हार्दिक बधाई।"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"शुक्रिया ऋचा जी। बेशक़ अमित जी की सलाह उपयोगी होती है।"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service