For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

रात के तेवर

रात के तेवर जब - जब बदले नज़र आये,

तेरी यादों के मौसम बड़े उबले नज़र आये,

 

तसल्ली दे रहे हैं, हालात मुझे लेकिन,

आँखों से सारे मंजर दुबले नज़र आये,

 

भभकते अश्कों को कोई साथ न मिला,

न रुके और न कभी संभले नज़र आये,

 

फंस गए इस तरह बदनसीबी की जाल में,

मजबूरियों से हम न निकले नज़र आये....

Views: 473

Facebook

You Might Be Interested In ...

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 8, 2012 at 11:33am

योगेश भाई शुक्रिया

Comment by yogesh shivhare on July 7, 2012 at 10:53pm

भभकते अश्कों को कोई साथ न मिला,

न रुके और न कभी संभले नज़र आये,

सुन्दर अभिव्यक्ति ...अरुण जी

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 7, 2012 at 11:29am

शुक्रिया हरीश जी

Comment by Harish Bhatt on July 7, 2012 at 11:21am

अरूण जी नमस्‍ते, शानदार कविता के लिए हार्दिक बधाई

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 7, 2012 at 11:03am

शुक्रिया प्रदीप भाई

Comment by Pradeep Kumar Kesarwani on July 7, 2012 at 8:36am

भभकते अश्कों को कोई साथ न मिला,

न रुके और न कभी संभले नज़र आये,

दिल को घायल करता हुआ खंज़र....बधाई हो आपको 

 

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 6, 2012 at 5:27pm

शुक्रिया रेखा जी

Comment by Rekha Joshi on July 6, 2012 at 5:05pm

अरुण जी,

जिंदगी के सफर में हम चल रहे थे अकेले ,
हाले दिल बयाँ किया जब तुम नजर आये | ,लिखते रहो ,बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"है सियासत की ये फ़ितरत जो कहीं हादसा हो उसको जनता के नहीं सामने आने देना सदर"
12 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय पंकज जी नमस्कार ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये सादर"
17 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार बहुत शुक्रिया आपका सादर"
17 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय अमित जी  बहुत बहुत शुक्रिया सज्ञान लेने के लिए कोशिश करती हूं समझने की जॉन साहब को भी…"
18 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आ. भाई पंकज जी, हार्दिक आभार।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आ. रिचा जी, हार्दिक आभार।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आ. भाई जयनित जी, हार्दिक आभार।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आ. भाई दिनेश जी, हार्दिक आभार।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आ. भाई अमीरुद्दीन जी, हार्दिक आभार।"
1 hour ago
Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय लक्ष्मण जी ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है, शेष अमित जी ने विस्तृत इस्लाह की है। "
1 hour ago
Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय बाग़पती जी अच्छी ग़ज़ल से मुशायरे की शुरुआत के लिए साधुवाद"
1 hour ago
Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय बाग़पती जी सादर आभार। आपके आदेश का अनुपालन अवश्य होगा"
1 hour ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service