For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मासूम सी एक सूरत,

मासूम सी एक सूरत,
बन गई वो मेरी जरुरत,
होता है कुछ देखकर उसे,
क्या कहू वो है कितनी खूबसूरत....
........
अब सब कुछ फ़साना एक लगता है,
उसका दूर जाना भी, पास आना लगता है,
सोचा न था, एक दौर ऐसा आएगा,
जब ये दिल, किसी को चाहेगा,
फिर भी चुप रहेगी ये जुबाँ, ऐसी कोशिस है,
आँखों से समझे वो प्यार, ये साजिस है,
अब समझाना है उसको इन आँखों की भाषा,
वो होगी मेरे रूबरू,है इस दिल को आशा,
पा लेंगे उसको खुदपर विस्वास है,
मिलेगी वो, क्योकि वो मेरी तलाश है,
की लगता है अब........
धीरे-2 अब वो मेरी तकदीर बन गई,
इन हाथो की अब वो लकीर बन गई,
हम तो यूँही लिख रहे उसका नाम,
देखा तो उसकी तश्वीर बन गई.....

Views: 349

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Harish Bhatt on July 7, 2012 at 11:12am

प्रदीप जी नमस्‍कार, बेहतरीन रचना के लिए हार्दिक बधाई

धीरे-2 अब वो मेरी तकदीर बन गई,
इन हाथो की अब वो लकीर बन गई,
हम तो यूँही लिख रहे उसका नाम,
देखा तो उसकी तश्वीर बन गई....

 

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on July 6, 2012 at 11:25pm

अब समझाना है उसको इन आँखों की भाषा,
वो होगी मेरे रूबरू,है इस दिल को आशा,
पा लेंगे उसको खुदपर विस्वास है,
मिलेगी वो, क्योकि वो मेरी तलाश है,

प्रिय प्रदीप जी शुभ कामनाएं मिले और बहुत शीघ्र मिले ये दिल की तडपन और दूरियों की खांई जल्द मिट जाए ...सुन्दर रचना  ..भ्रमर ५ 

Comment by Rekha Joshi on July 6, 2012 at 6:19pm

प्रदीप जी ,

धीरे-2 अब वो मेरी तकदीर बन गई,
इन हाथो की अब वो लकीर बन गई,
हम तो यूँही लिख रहे उसका नाम,
देखा तो उसकी तश्वीर बन गई,बहुत बढ़िया ,बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बढ़िया शीर्षक सहित बढ़िया रचना विषयांतर्गत। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"रचना पटल पर उपस्थिति और विस्तृत समीक्षात्मक मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय तेजवीर…"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"जिजीविषा गंगाधर बाबू के रिटायर हुए कोई लंबा अरसा नहीं गुजरा था।यही दो -ढाई साल पहले सचिवालय की…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी साहब जी , इस प्रयोगात्मक लघुकथा से इस गोष्ठी के शुभारंभ हेतु हार्दिक…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service