For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

माज़रा क्या है? (कुछ सवालो कि दुनिया में चला जाए)

सदा हिजाब में रहते हो माज़रा क्या है?
बड़े रुबाब में रहते हो माज़रा क्या है?


बना दिया आखिर मुझे गुलशन पसंद....
हरेक गुलाब में रहते हो माज़रा क्या है?

हुदूद कोई बना लो हुस्न-ए-शबनम की....
खुले शबाब में रहते हो माज़रा क्या है?

कभी दुआ कभी मुराद में महसूस किया....
कभी अज़ाब में रहते हो माज़रा क्या है?

शकाफत भरा है तुम्हारा कोहिनूर बदन....
हया-ओ-आब में रहते हो माज़रा क्या है?

जबसे दीदार किया नींद है नसीब कहा....
क्यों मेरे ख्वाब में रहते हो माज़रा क्या है?

Views: 588

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Kedia Chhirag on April 14, 2013 at 8:10pm

अत्यंत सुंदर ...

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 5, 2012 at 4:24pm

वाह बहुत खूब


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 5, 2012 at 10:45am

एक शरारत भरी नटखट सी ग़ज़ल ---बहुत सुन्दर 

Comment by Yogi Saraswat on July 4, 2012 at 4:56pm

जबसे दीदार किया नींद है नसीब कहा....
क्यों मेरे ख्वाब में रहते हो माज़रा क्या है?

 बहुत खूब

Comment by Rekha Joshi on July 4, 2012 at 11:58am

राज जी ,

बना दिया आखिर मुझे गुलशन पसंद....
हरेक गुलाब में रहते हो माज़रा क्या है?बहुत खूब ,बढ़िया गजल ,बधाई 
Comment by आशीष यादव on July 4, 2012 at 1:23am

बड़ी ही बेहतरीन गजल सर जी। वाह आखिर माजरा क्या है।
बधाई हो।

Comment by UMASHANKER MISHRA on July 3, 2012 at 11:03pm

जबसे दीदार किया नींद है नसीब कहा....
क्यों मेरे ख्वाब में रहते हो माज़रा क्या है?..बढ़िया गज़ल है. राज भाई साहब ये सात लाजवाब प्रश्न माज़रा  क्या है ?

माज़रे में बढ़िया  शरारत भरी है .माज़रा क्या है ?

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post नूतन वर्ष
"बहुत बहुत आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। दोहों पर मनोहारी प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
yesterday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी , सहमत - मौन मधुर झंकार  "
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"इस प्रस्तुति पर  हार्दिक बधाई, आदरणीय सुशील  भाईजी|"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"विषय पर सार्थक दोहावली, हार्दिक बधाई, आदरणीय लक्ष्मण भाईजी|"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"आ. भाईसुशील जी, अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति व उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।  इसकी मौन झंकार -इस खंड में…"
Saturday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"दोहा पंचक. . . .  जीवन  एक संघर्ष जब तक तन में श्वास है, करे जिंदगी जंग ।कदम - कदम…"
Saturday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  …See More
Saturday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"उत्तम प्रस्तुति आदरणीय लक्ष्मण धामी जी ।"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service