For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गम मिला मुझको बेहिसाब मिला 

बस मुहब्बत का यह ईनाम मिला 
गम मिला मुझको--------------
.
हमको आता है मज़ा जलने में हकीकत है
नहीं झुकना हमें आता यह मुसीबत है
ख़त किसी का तो मिला लेकिन गुमनाम मिला 
बस मुहब्बत का यह ईनाम मिला 
गम मिला मुझको--------------
.
हमनें तो पायी सज़ा अपनी ही शराफत की
सच कहा है नहीं आसाँ राहें उल्फ़त की
दीपक 'कुल्लुवी' सा उन्हें शायर नादान मिला 
बस मुहब्बत का यह ईनाम मिला 
गम मिला मुझको--------------
दीपक 'कुल्लुवी'
9350078399
२७/३/१२.

Views: 368

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on March 30, 2012 at 10:32am

ashok ji shukriya

Comment by Ashok Kumar Raktale on March 29, 2012 at 10:11pm

गम मिला मुझको बेहिसाब मिला
बस मुहब्बत का यह ईनाम मिला
कुल्लुवी साहब, आपको मोहब्बत मिली न मिली हमें आपसे एक सुन्दर सी रचना अवश्य मिली . बधाई.

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on March 28, 2012 at 4:48pm

SHUKRIYA MAHIMA JI

HAUNSLA HAFZAI KE LIYE..........

Comment by MAHIMA SHREE on March 28, 2012 at 4:41pm
हमको आता है मज़ा जलने में हकीकत है
नहीं झुकना हमें आता यह मुसीबत है
ख़त किसी का तो मिला लेकिन गुमनाम मिला
बस मुहब्बत का यह ईनाम मिला ......वाह वाह ....क्या बात है...बधाई स्वीकार करे....

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on March 27, 2012 at 8:22pm
हमनें तो पायी सज़ा अपनी ही शराफत की
सच कहा है नहीं आसाँ राहें उल्फ़त की

कुल्लवी साहब, बहुत खूब , जरा और कसिये फिर देखिये क्या आनंद आता है , बधाई आपको |

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on March 27, 2012 at 2:13pm
रविन्द्र जी प्रदीप जी एक बार फिर से आपका शुक्रिया...

उनसे रिश्ता था मुहब्बत का अब भी कायम है
उनको नफ़रत थी बस हमसे अब भी कायम है 
फिर भी कहते हैं वो दूनियाँ से हम हैं उनके
जो कश्मकश थी दिलों में अब भी कायम है 

दीपक 'कुल्लुवी'
Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 27, 2012 at 1:44pm

ख़त किसी का तो मिला लेकिन गुमनाम मिला 

बस मुहब्बत का यह ईनाम मिला 
MUJHE AESA SAUBHAGYA PRAPT NAHI HUA. AAPKO BADHAI, PATR MILNE EVAM SUNDAR RACHNA HETU. ADARNIY DIPAK JI, SADAR ABHIVADAN.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

बृजेश कुमार 'ब्रज' posted a blog post

गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा

सार छंद 16,12 पे यति, अंत में गागाअर्थ प्रेम का है इस जग मेंआँसू और जुदाईआह बुरा हो कृष्ण…See More
4 hours ago
Deepak Kumar Goyal is now a member of Open Books Online
4 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. बृजेश जी "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. बृजेश जी "
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"अपने शब्दों से हौसला बढ़ाने के लिए आभार आदरणीय बृजेश जी           …"
yesterday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहेदुश्मनी हम से हमारे यार भी करते रहे....वाह वाह आदरणीय नीलेश…"
yesterday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"आदरणीय अजय जी किसानों के संघर्ष को चित्रित करती एक बेहतरीन ग़ज़ल के लिए बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं…"
yesterday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आदरणीय नीलेश जी एक और खूबसूरत ग़ज़ल से रूबरू करवाने के लिए आपका आभार।    हरेक शेर…"
yesterday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय भंडारी जी बहुत ही खूब ग़ज़ल कही है सादर बधाई। दूसरे शेर के ऊला को ऐसे कहें तो "समय की धार…"
yesterday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय रवि शुक्ला जी रचना पटल पे आपका हार्दिक अभिनन्दन और आभार। लॉगिन पासवर्ड भूल जाने के कारण इतनी…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"जी, ऐसा ही होता है हर प्रतिभागी के साथ। अच्छा अनुभव रहा आज की गोष्ठी का भी।"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"अनेक-अनेक आभार आदरणीय शेख़ उस्मानी जी। आप सब के सान्निध्य में रहते हुए आप सब से जब ऐसे उत्साहवर्धक…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service