For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सनम मैं क्या लिखूं.....

सनम मैं क्या लिखूँ .............
नयनों से बहते हुए नीर को,
या दिल में चुभते तीर को.
दिखे चेहरा तेरा जिसमे, उस दर्पण को,
या, प्यार में सब कुछ समर्पण को .
या फिर लिखें अपनी फूटी तकदीर को.
नयनों से बहते हुए नीर को,
या दिल में चुभते हुए तीर को.
सनम मैं क्या लिखूँ .............

लिखूँ तुम्हारे रेशमी बालों को,
या उनमे उलझे सारे सवालों को.
लिखूँ अपने दिल की पुकार को,
या तुम जैसे संगदिल यार को.
बंध गई जिसमे मुहब्बत, लिखूँ उस जंजीर को.
नयनों से बहते हुए नीर को,
या दिल में चुभते हुए तीर को.
सनम मैं क्या लिखूँ ..............

इस सागर में उठ रही ऊँची लहर को,
प्यार जैसे अमृत को, या प्यार जैसे जहर को.
लिखूँ तुम्हारी रसभरी बातों को,
या यादों में कटती विरह की रातों को.
रूठ गया भगवान जिसका, लिखूँ उस मंदिर को.
नयनों से बहते हुए नीर को,
या दिल में चुभते हुए तीर को.
सनम मैं क्या लिखूँ ...............

                             

....प्रवीण "सागर"

लिखूँ

Views: 459

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by RAJEEV KUMAR JHA on March 17, 2012 at 8:42pm

बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति,प्रवीण जी.

नयनों से बहते हुए नीर को, या दिल में चुभते तीर को. दिखे चेहरा तेरा जिसमे, उस दर्पण को, या, प्यार में सब कुछ समर्पण को . बहुत सुन्दर पंक्तियाँ हैं.

Comment by Dr Ajay Kumar Sharma on March 17, 2012 at 4:07pm

विरह व्यथा ..सुंदर प्रस्तुति .प्रवीन जी ..बधाई .

Comment by Chaatak on March 12, 2012 at 10:02pm

बहुत खूब! अच्छे शब्दों मे पिरोइ गई कोमल भावनाएँ सहज ही दिल मे उतरती प्रतीत होती हैं|
अच्छी रचना पर हार्दिक बधाई !

Comment by Abhinav Arun on March 12, 2012 at 2:43pm

क्या लिखूं की सोच में बहुत कुछ लिख गए श्री सागर जी !! हार्दिक बधाई इस मधुर रचना हेतु !!

Comment by Brij bhushan choubey on March 12, 2012 at 12:09pm

सनम मैं क्या लिखूँ ..... एक सुन्दर रचना बहुत बढ़िया

Comment by कवि - राज बुन्दॆली on March 11, 2012 at 10:56pm

वाह,,,,,,,,,बहुत सुन्दर निभाया है आपने,,,,,,,,,,,,

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 11, 2012 at 9:13pm

bahut sundar abhivyakti , badhai .

Comment by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी on March 11, 2012 at 9:00pm
सागर जी क्या वेदना झलक रही है?एक उम्दा रचना के लिए बधाई।
Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on March 11, 2012 at 6:13pm

आदरणीय प्रवीण जी,

विरह-वेदना की सशक्त अभिव्यक्ति है आपकी यह कविता| बहुत बढ़िया| आभार,


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 11, 2012 at 6:02pm

man ke upje bhaavon ko ek sootra me pirone ka achcha andaaj hai.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
6 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
6 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
9 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
9 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
9 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
9 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
9 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service