For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

वो बचपन की यादें,

वो सपनो सी यादें,
वो पतंगे उड़ाना,
वो नाव चलाना,
वो बारिश की बूँदें,
वो मिटटी की छीटें,
सपनो से प्यारी है,
अब भी वो यादें,
वो बचपन की यादें,
वो बचपन की यादें.....
वो माँ की लोरी,
वो पापा की डांट,
वो खेल में झगड़ना,
वो ठेले की चाट,
सपनों से प्यारी हैं,
अब भी वो यादें,
वो बचपन की यादें,
वो बचपन की यादें,
वो दोस्तों से गपशप,
साथ में चाय के कप,
वो तितली पकड़ने को,
परी सा उड़ना,
परी की कहानी सी प्यारी हैं,
वो बचपन की यादें,
वो बचपन की यादें,
समय ने बचपन छीना सा है,
सब कुछ बहुत भीना सा है,
ना है पतंगे,
ना है उमंगें,
न दोस्तों की गपशप,
न बारिश की छपछप,
सब कुछ बहुत अधूरा सा है,
सच बचपन बहुत सुनहरा सा है,
सबसे सलोनी हैं
वो बचपन की यादें,
हाँ वो यादें,
वो बचपन की यादें......

Views: 1279

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 14, 2012 at 2:52pm

यदि यह कहूँ कि पूरे जीवन काल में "बचपन" गोल्डेन पीरियड होता है तो यह बड़ बोलापन न होगा, न कोई चिंता न फिक्र, हर पल मस्ती ...वोह ..कोई लौटा दे मेरे बीते हुए पल ....

बहुत ही सुन्दर रचना योग्यता जी , बधाई स्वीकार करे |

Comment by Yogyata Mishra on January 14, 2012 at 10:17am

thnx....

Comment by Abhinav Arun on January 13, 2012 at 9:29pm

मन के किसी कोने में अपने उस बचपन को बचाए रखने की ज़रूरत है | इस एहसास को बल मिला इस रचना को पढ़कर | आदरणीया योग्यता जी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !!


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 13, 2012 at 6:29pm

काश.. 

’काश’ की बर्क से लिपटते ही कई हूक भरती, छटपटाती हुई भावनाएँ गोया चुपचाप आराम करने लगती हैं.

योग्यता जी आपकी रचना पर मेरी हार्दिक बधाइयाँ.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service