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रक्षाबंधन आज है मुंह मीठा हो जाय
सबके मुंह में ठूंस कर कलाकंद भर जाय
कलाकंद भर जाय इमरती बालूशाही
रसगुल्ले की चलती लेकिन तानाशाही
बर्फी, लड्डू, काजू कतली ये सब व्यंजन
सभी मनाएं हर्षोल्लास से रक्षाबंधन||



( राणा प्रताप सिंह )
Rana Pratap Singh

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सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Rana Pratap Singh on August 24, 2010 at 1:24pm
प्रीतम भैया , नविन भैया, बागी भैया.. आप सबको सौहार्द और प्रेम के त्यौहार रक्षाबंधन की ढेरों शुभकामनाएं|

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on August 24, 2010 at 12:31pm
जब एक थाली मे ढेर सारे स्वादिष्ट व्यंजन परोस दिया जाता है तो समझ मे ही नहीं आता कि किसको पहले खाऊ और किसकी तारीफ़ करू, राणा जी आपने भी कुछ उसी तरह का कार्य किया है इस रचना मे, खुबसूरत और अर्थपूर्ण कुंडलियों के साथ जो मिठाइयो का थाल है कमाल है, रही सही कसर आपकी पोस्ट की हुई चलचित्र ने पूर्ण कर दिया है | राखी की और इस खुबसूरत रचना दोनों के लिये बधाई स्वीकार करे , धन्यवाद,
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on August 24, 2010 at 10:49am
बहुत बढ़िया प्रस्तुति आज राखी के अवसर पर.....आपको राखी के पावन पर्व की बहुत बहुत शुभकामना......

कृपया ध्यान दे...

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