For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल :- धमा चौकड़ी करता बचपन

ग़ज़ल :-  धमा चौकड़ी करता बचपन
 
धमा चौकड़ी करता बचपन ,
कहाँ किसी से डरता बचपन |

खुली छूट की चारागाहें ,
बड़े मौज से चरता बचपन |

पल में कुट्टी पल में मेरी ,
गांठें मन की हरता बचपन |

 गिल्ली डंडा पेंच पतंगें ,
खूब उड़ानें भरता बचपन |

चार टिकोरे लगे जहां पे ,
डाल उचक के धरता बचपन |

बूढ़ पुरनिये दुलराते हैं ,
आशीषों से फरता बचपन |

हम ठहरीले ताल तलैय्ये ,
निश्छल झरना झरता बचपन |

हम ही अक्सर मर जाते हैं ,
नहीं हमारा मरता बचपन |

             - अभिनव अरुण
 
{ओ बी ओ लाइव महा-उत्सव अंक -१२ में प्रस्तुत }

Views: 478

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Abhinav Arun on October 16, 2011 at 12:36pm
सही कहा सौरभ जी आपने !!

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 15, 2011 at 8:46pm

यह उचित भी है अरुण अभिनवजी.

ओबीओ के किसी आयोजन में सम्मिलित रचना को आयोजन के समापन के बाद रचनाकार को उसे अपने हिस्से में डाल लेनी चाहिये. इससे, एक तो, रचना की अपनी इकाई नियत हो जाती है.  दूसरे, यह रचना उन पाठकों के लिये भी उपलब्ध हो जाती है जो उसे आयोजन काल में नहीं देख पाये थे. 

Comment by Abhinav Arun on October 15, 2011 at 7:54pm
apka bahut abhar adarniy saurabh ji .apki tippani wahan mili thi sanklan me ye nahi dikhi so yahan rakh liya taki aage sathi chahe to padh saken.

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 15, 2011 at 3:19pm

अरुण अभिनवजी, बहुत-बहुत बधाइयाँ स्वीकारें. एक-एक शे’र पुर-असर और भावनाओं से भरपूर.  पल में कुट्टी, पल में मेरी .. वाह ! क्या बचपन-छुए शब्दों का प्रयोग हुआ हैं !  काफ़िया में प्रयुक्त सभी हर्फ़ बेमिसाल हैं. विशेषकर आपने हरता, धरता, फरता शब्दों का इस्तमाल कर भावों को एकदम से सटीक कर दिया है.

विशेष दाद कुबूल फ़रमायें.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
15 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post रोला छंद. . . .
"आदरणीय जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी"
15 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया ....
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।"
15 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . कागज
"आदरणीय जी सृजन पर आपके मार्गदर्शन का दिल से आभार । सर आपसे अनुरोध है कि जिन भरती शब्दों का आपने…"
15 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सृजन के भावों को मान देने एवं समीक्षा का दिल से आभार । मार्गदर्शन का दिल से…"
15 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
15 hours ago
Admin posted discussions
yesterday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया ....
"बंधुवर सुशील सरना, नमस्कार! 'श्याम' के दोहराव से बचा सकता था, शेष कहूँ तो भाव-प्रकाशन की…"
yesterday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . कागज
"बंधुवर, नमस्कार ! क्षमा करें, आप ओ बी ओ पर वरिष्ठ रचनाकार हैं, किंतु मेरी व्यक्तिगत रूप से आपसे…"
yesterday
Chetan Prakash commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post लघुकविता
"बंधु, लघु कविता सूक्ष्म काव्य विवरण नहीं, सूत्र काव्य होता है, उदाहरण दूँ तो कह सकता हूँ, रचनाकार…"
Monday
Chetan Prakash commented on Dharmendra Kumar Yadav's blog post ममता का मर्म
"बंधु, नमस्कार, रचना का स्वरूप जान कर ही काव्य का मूल्यांकन , भाव-शिल्प की दृष्टिकोण से सम्भव है,…"
Monday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"अच्छे दोहे हुए हैं, आदरणीय सरना साहब, बधाई ! किन्तु दोहा-छंद मात्र कलों ( त्रिकल द्विकल आदि का…"
Monday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service