For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

एक तरही गजल (रमेश कुमार चौहान)

(बहर - 2122,2122,212)

पैर में क्यो गुदगुदी होने लगी
याद तेरी बेबसी होने लगी

वक्त काफी हो गया तुम से मिले
तेरी सूरत अजनबी होने लगी

अपने हाथो घाव ताजा कर रहा
जख्म स्याही लेखनी होने लगी

ये इबारत प्यार का है चेहरा
हर नए गम से खुशी होने लगी

तू नही तेरी निशानी ही सही
देख लो संजीवनी होने लगी
------------------------
मौलिक एवं अप्रका‍शित

Views: 522

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by sombirnaamdev on February 9, 2014 at 12:32am

वक्त काफी हो गया तुम से मिले
तेरी सूरत अजनबी होने लगी

kya baat hai bahut badhiya khyalat

Comment by सूबे सिंह सुजान on February 8, 2014 at 5:03pm

sunder kha hai..
वक्त काफी हो गया तुम से मिले
तेरी सूरत अजनबी होने लगी...wah

Comment by बृजेश नीरज on February 8, 2014 at 11:24am

आदरणीय रमेश जी सुन्दर ग़ज़ल है! आपको हार्दिक बधाई!

//जख्म स्याही लेखनी होने लगी// इस मिसरे को नहीं समझ सका! आपसे मार्गदर्शन की अपेक्षा है!

Comment by रमेश कुमार चौहान on February 7, 2014 at 7:37pm

आदरणीया मीनाजी, सरिताजी एवं कुतीजी इस विधा में मै अभी संघर्षरत हू इस प्रयास को सराहने के लिये सादर साधुवाद

Comment by coontee mukerji on February 6, 2014 at 11:11pm

वक्त काफी हो गया तुम से मिले
तेरी सूरत अजनबी होने लगी.......कहते हैं आँखों से दूर तो दिल से भी दूर......बहुत सटीक है.सादर

Comment by Sarita Bhatia on February 6, 2014 at 9:01pm

सुन्दर 

Comment by Meena Pathak on February 6, 2014 at 4:56pm

बहुत सुन्दर आ० रमेश जी .. बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम. . . . उल्फत

दोहा दशम - ..... उल्फतअश्कों से जब धो लिए, हमने दिल के दाग ।तारीकी में जल  उठे, बुझते हुए चिराग…See More
10 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
11 hours ago
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - सपने
"उत्तम प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई"
yesterday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक -वाणी
"वाह बेहतरीन 👌 प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई"
yesterday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- झूठ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी झूठ पर आधारित सुन्दर दोहावली का सृजन हुआ है ।हार्दिक बधाई ।सर क्या दोहे में…"
yesterday
Sushil Sarna posted blog posts
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
Sunday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)-----------------------------देवलोक भी जोहता,चकवे की ज्यों बाट।संत सनातन संग…See More
Sunday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय मुसाफ़िर जी "
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Feb 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Feb 6
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
Feb 5

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service