For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Sushil Sarna's Blog – November 2020 Archive (4)

दस्तक :

दस्तक :

वक़्त बुरा हो तो

तो पैमानें भी मुकर जाते हैं

मय हलक से न उतरे तो

सैंकड़ों गम

उभर आते हैं

फ़िज़ूल है

होश का फ़लसफ़ा

समझाना हमको

उनके दिए ज़ख्म ही

हमें यहां तक ले आते हैं

वो क्या जानें

कितने बेरहम होते हैं

यादों के खंज़र

हर नफ़स उल्फ़त की

ज़ख़्मी कर जाते हैं

तिश्नगी बढ़ती गई

उनको भुलाने के आरज़ू में

क्या करें

इन बेवफ़ा क़दमों का

लाख रोका

फिर भी

ये

उनके दर तक ले जाते हैं

उनकी…

Continue

Added by Sushil Sarna on November 20, 2020 at 8:43pm — 2 Comments

बड़ी नज़ाकत से हमने .....

बड़ी नज़ाकत से हमने .....

बड़ी नज़ाकत से हमने
यादों को दिल में पाला है
अपने -अपने दर्दों को
मुस्कराहटों में ढाला है
मुद्दा ये नहीं कि
चराग़ बेवफ़ाई का
जलाया किसने
सच तो ये है अश्क चश्म में
दोनों ने संभाला है
ये हाला है उल्फत की
उल्फत का ये प्याला है
पाक मोहब्बत का दोनों के
दिल में पाक शिवाला है
बड़ी नज़ाकत से हमने
यादों को दिल में पाला है

सुशील सरना
मौलिक एवं अपक्राशित

Added by Sushil Sarna on November 18, 2020 at 6:07pm — 2 Comments

अनजाने से .....

अनजाने से .....

मैं

व्यस्त रही

अपने बिम्ब में

तुम्हारे बिम्ब को

तराशने में

तुम

व्यस्त रहे

स्वप्न बिम्बों में

अपना स्वप्न

तराशने में

हम

व्यस्त रहे

इक दूसरे में

इक दूसरे को

तलाशने में

वक्त उतरता रहा

धूप के सायों की तरह

मन की दीवारों से

हम के आवरण से निकल

मैं और तू

रह गए कहीं

अधूरी कहानी के

अपूर्ण से

अफ़साने…

Continue

Added by Sushil Sarna on November 4, 2020 at 7:30pm — 7 Comments

जीने से पहले ......

जीने से पहले ......

मिट गई

मेरी मोहब्बत

ख़्वाहिशों के पैरहन में ही

जीने से पहले

जाने क्या सूझी

इस दिल को

संग से मोहब्बत करने का

वो अज़ीम गुनाह कर बैठा

अपने ख़्वाबों को

अपने हाथों

खुद ही तबाह कर बैठा

टूट गए ज़िंदगी के जाम

स्याह रातों में

ज़िंदगी

जीने से पहले

डूबता ही गया

हसीन फ़रेबों के ज़लज़ले में

ये दिल का सफ़ीना

भूल गया

मौजों की तासीर

साहिल कब बनते हैं

सफ़ीनों की…

Continue

Added by Sushil Sarna on November 2, 2020 at 6:05pm — 8 Comments

Monthly Archives

2024

2023

2022

2021

2020

2019

2018

2017

2016

2015

2014

2013

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय प्रेम जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले ग़ौर…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ ,बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी  बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए और बेहतर सुझाव के लिए सुधार करती हूँ सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी बहुत शुक्रिया हौसला अफ़ज़ाई के लिए आपका मक़्त के में सुधार की कोशिश करती हूं सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी बेहतर इस्लाह ऑयर हौसला अफ़ज़ाई के लिए शुक्रिया आपका सुधार करती हूँ सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी और अमीर जी के सुझाव क़ाबिले…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी नमस्कार बहुत ही लाज़वाब ग़ज़ल हुई बधाई स्वीकार कीजिये है शेर क़ाबिले तारीफ़ हुआ ,गिरह भी…"
1 hour ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी आदाब, और प्रस्तुति तक पहुँचने के लिए आपका आपका आभारी हूँ। "बेवफ़ा है वो तो…"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
" आदरणीय मुसाफिर जी नमस्कार । भावपूर्ण ग़ज़ल हेतु बधाई। इस्लाह भी गुणीजनों की ख़ूब हुई है। "
2 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया ऋचा यादव जी नमस्कार । ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी आदाब, अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ। तेरे चेहरे पे शर्म सा क्या…"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service