जब अँधेरा ये मिटाने को सितारा निकला l
चाँद पीछे न रहा बन के हमारा निकला
उसने जब तक न सुनाई थी कहानी हमको
कौन हमको ये बताता वो सहारा निकला
हम तो निकले थे ज़माने को दिखाने उल्फ़त
पर हकीक़त में वही प्यार तुम्हारा निकला
सोच कर बात सुनाई है मगर फिर भी क्यूँ,
राहरौ और ग़लत उनका इशारा निकला
इस यकीं से ही उमीदों को जगाया हम ने
“तुझ से ऐ दिल न मगर काम हमारा निकला”
जिंदगी हमने उधारी न गुज़ारी…
Added by मोहन बेगोवाल on December 29, 2019 at 8:30am — 1 Comment
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