परिमूढ़ प्रस्ताव
अखबारों में विलुप्त तहों में दबी पड़ी
पुरानी अप्रभावी खबरों-सी बासी हुई
ज़िन्दगी
पन्ने नहीं पलटती
हाशियों के बीच
आशंकित, आतंकित, विरक्त
साँसें
जीने से कतराती
सो नहीं पातीं
हर दूसरी साँस में जाने कितने
निष्प्राण निर्विवेक प्रस्तावों को तोलते
तोड़ते-मोड़ते
मुरझाए फूल-सा मुँह लटकाए
ज़िन्दगी...
निरर्थक बेवक्त
उथल-पुथल में लटक…
ContinueAdded by vijay nikore on November 24, 2014 at 8:30am — 22 Comments
रहस्य-भावानुभूति
पा लेने की प्यास
खो देने की तड़प
ज्वालामुखी अग्नि हैं दोनों
बिछोह के धुँए को आँखों में सहते
गहरापन ओढ़े
गुज़र जाते हैं एक के बाद एक
खुशिओं के त्योहार
खुशियों में शून्यताओं की पीड़ाएँ अपार
नहीं ठहरती है हाथों में
खुशी, मुठ्ठी में रेत-सी
पर मौसम कोई भी हो
अकुलाती रहती है पैरों के तलवों के नीचे
तपती रेत की अग्नि-सी…
ContinueAdded by vijay nikore on November 10, 2014 at 3:30pm — 12 Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |