For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Rajesh kumari's Blog – October 2014 Archive (3)

लक्ष्मी (लघु कथा ‘राज’)

“माँ वो कोठी वाली मैडम हर दीवाली पर लक्ष्मी जी के पैर बनाती हैं तू क्यूँ नहीं बनाती? इसी लिए हमारे घर लक्ष्मी नहीं आती क्या?”रिक्कू ने बड़े भोलेपन से पूछा|

”बेटा, हमारे घर भी एक बार लक्ष्मी आई थी पर तेरे बापू ने दारु के लिए उसे बेच दिया अब वो कभी नहीं आएगी”|

.

(मौलिक एवं अप्रकाशित ) 

Added by rajesh kumari on October 20, 2014 at 3:30pm — 12 Comments

हो कितनी स्वछन्द ऐ कविता! (नवगीत 'राज')

धरती से नीले अम्बर तक

बिना किसी व्यवधान

इठलाती तितली सी चंचल

भरती रहे  उड़ान 

ना कोई सीमा ना कोई बंद

हो कितनी स्वछन्द

ऐ कविता!

कभी करुण रस से आप्लावित   

भीगे आखर से बोझिल   

कभी डूब शिंगार झील में

आती नख- शिख तक झिलमिल  

कभी गरल तू विरह का  पीती  

कभी नेह  मकरंद

हो कितनी स्वछन्द

ऐ कविता!

कभी परों पर लगा बसंती

रंग अबीर गुलाबी लाल

कहीं बिठाती दीये…

Continue

Added by rajesh kumari on October 9, 2014 at 12:50pm — 16 Comments

चाक दिल सिलता नहीं देखो दुबारा (ग़ज़ल 'राज')

२१२२   २१२२   २१२२ 

ढूँढती इक मौज तूफां में किनारा

क्यूँ समझता ही नहीं सागर ईशारा

 

तिश्नगी उसको कहाँ तक ले गई है

अक्स अपना झील में उसने उतारा

 

फ़र्क क्या पड़ता चमकती चाँदनी को

छटपटाता फिर कहीं टूटा सितारा

 

फट गया जो पैरहन तो ग़म नहीं है

चाक दिल सिलता नहीं देखो दुबारा

 

डोलती किश्ती बढ़ाती हाथ अपना

उस तरफ़ तुम मोड़ लो अपना शिकारा

 

खोल दो गर तुम लटकती उस पतंग को

लोग…

Continue

Added by rajesh kumari on October 4, 2014 at 10:30am — 27 Comments

Monthly Archives

2019

2018

2017

2016

2015

2014

2013

2012

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
54 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई सुरेश जी, अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर कुंडली छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
" "पर्यावरण" (दोहा सप्तक) ऐसे नर हैं मूढ़ जो, रहे पेड़ को काट। प्राण वायु अनमोल है,…"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। पर्यावरण पर मानव अत्याचारों को उकेरती बेहतरीन रचना हुई है। हार्दिक…"
4 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"पर्यावरण पर छंद मुक्त रचना। पेड़ काट करकंकरीट के गगनचुंबीमहल बना करपर्यावरण हमने ही बिगाड़ा हैदोष…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"तंज यूं आपने धूप पर कस दिए ये धधकती हवा के नए काफिए  ये कभी पुरसुकूं बैठकर सोचिए क्या किया इस…"
8 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आग लगी आकाश में,  उबल रहा संसार। त्राहि-त्राहि चहुँ ओर है, बरस रहे अंगार।। बरस रहे अंगार, धरा…"
9 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' joined Admin's group
Thumbnail

धार्मिक साहित्य

इस ग्रुप मे धार्मिक साहित्य और धर्म से सम्बंधित बाते लिखी जा सकती है,See More
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"गजल (विषय- पर्यावरण) 2122/ 2122/212 ******* धूप से नित  है  झुलसती जिंदगी नीर को इत उत…"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"सादर अभिवादन।"
17 hours ago
Admin posted discussions
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  …See More
Tuesday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service