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कवि - राज बुन्दॆली's Blog – June 2013 Archive (3)

एक लॊकगीत

एक लॊकगीत,,,,

=================

चूल्हा चौंका झाड़ू बरतन,

गगरी पनघट औ पानी रॆ !!हाय ! मॆरी जिन्दगानी रॆ,,

अम्मा  बाबू  कॆ बदना  की,

मैं किलकारी थी अँगना की,

तुलसी छॊड़ भई सजना की,

रॊटी जलॆ तवा कॆ ऊपर,

ऎसहिँ जलॆ जवानी रॆ !!१!!हाय ! मॆरी जिन्दगानी रॆ,,,

,

वॊ बचपन की सखी-सहॆलीं,

साथ साथ मॆरॆ सब…

Continue

Added by कवि - राज बुन्दॆली on June 16, 2013 at 9:00pm — 11 Comments

गजल

मित्रॊ,,,,

मॆरा यह किसी बह्र मॆं कहनॆ का प्रथम प्रयास

आप सबकॆ चरणॊं मॆं समर्पित है,ख़ामियां बतानॆ की कृपा करॆं,,,

================================

मुफ़ाईलुन (हजज़)

वज्न = १२२२, १२२२, १२२२, १२२२

================================



कहीं हमनॆ सुना था इस, ज़मानॆ मॆं हिफ़ाज़त है !!

यहाँ हर एक कॆ दिल मॆं, अदावत ही अदावत है !!१!!



उठा रक्खा चराग़ॊं नॆं, कभी सॆ आसमां सर पर,

सुना है आँधियॊं सॆ चल, रही उनकी बग़ावत है !!२!!



अदा कॆ साथ दॆतॆ…

Continue

Added by कवि - राज बुन्दॆली on June 16, 2013 at 5:30pm — 19 Comments

(नई कविता) अतुकान्त

(नई कविता) अतुकान्त

================

तपतॆ हुयॆ,

रॆत कॆ भूगॊल मॆं,

पढ़ रही हूं

तुम्हारी यादॊं का,

इतिहास,

और,,

गढ़ रही हूँ,

उम्मीदॊं कॆ,

विज्ञान की,

नई प्रयॊगशाला,

समाज-शास्त्र कॆ,

दु:सह नियम,

जकड़ॆ हुयॆ हैं,

मर्यादाऒं की बॆड़ियाँ,

फिर भी,,,,

विश्वास का गणित,

कह रहा है,

एक दिन,…

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Added by कवि - राज बुन्दॆली on June 3, 2013 at 9:30am — 9 Comments

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