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PHOOL SINGH's Blog – April 2019 Archive (6)

पेड़-पोधे और हम

वो भी क्या दिन थे यारो

जब मिलजुल कर मौज मनाते थे

कभी पेड़ की डाल पर चढ़ जाते

कभी तालाब में डुबकी लगाते थे

रंग-बिरंगे फूलों से तब

भरे रहते थे बाग-बगीचे

सुंदर वातावरण बनाते और

आँगन को महकाते थे ||

 

कू-कू करती कोयल के

हम सुर से सुर मिलाते थे

रंग-बिरंगे तितलियों के पीछे

सरपट दौड़ लगाते थे

पक्षियों की चहचाहट में

जैसे, खुद को ही भूल जाते थे

मिलजुल कर मौज मनाते थे ||

 

स्वच्छ वायुं…

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Added by PHOOL SINGH on April 26, 2019 at 2:32pm — 2 Comments

आओ मिलकर घर बनाये

ईट पत्थर से बना मकान

उसमें रहते दो इंसान

रिश्तों को वो कदर न करते

एक-दूजे से बात ना करते

कहने को एक मकान में रहते

पर एक-दूजे से घृणा करते

मकान की परिभाषा

को सिद्ध करते ||

 

कच्ची मिटटी का एक, छोटा घर

स्वर्ग से सुंदर, प्यारा घर

एक परिवार की जान था, जो  

प्रेम की सुंदर मिशाल था, वो

सब सदस्य साथ में रहते

हसतें-खेलतें घुल-मिल रहते

नारी के सम्मान के संग सब  

एक दूजे का आदर…

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Added by PHOOL SINGH on April 16, 2019 at 4:47pm — No Comments

हैरान हो जाता हूँ, जब कभी

आँखों में अश्रु निकल आते है मेरे

इतिहास में जा, जब खोजता हूँ

नारी उत्पीडन की प्रथाओ की

कड़ी से कड़ी मै जोड़ता हूँ

हैरान हो जाता हूँ, जब कभी

इतिहास में जा, जब खोजता हूँ

 

कैसी नारी कुचली जाती

चुप होके क्यों, सब सहती थी

बालविवाह जैसी, कुरूतियों की खातिर

सूली क्यों चढ जाती थी

सती होने की कुप्रथा में क्यों

इतिहास नया लिख जाती थी

चुप होके क्यों, सब सहती थी

सूली क्यों चढ जाती थी ||

 

जब कभी…

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Added by PHOOL SINGH on April 16, 2019 at 10:45am — 4 Comments

देशभक्ति का चोला

देशभक्ति का चोला पहन

देश का युवा घूम रहा

मतवाला होके डोल रहा

ऐसा देशभक्ति में डूब रहा||

 

घूम घूम कर,

झूम झूम कर

वीरो की गाथा खोज रहा

ऐसा देशभक्ति में डूब रहा||

 

बलिदान को अपने वीरो के

हर पल हर क्षण को

रम रमा कर यादों में अपनी

खोया-खोया फिर रहा||

ऐसा देशभक्ति में डूब रहा||

 

"मौलिक और अप्रकाशित"

 

Added by PHOOL SINGH on April 12, 2019 at 3:30pm — No Comments

कर्म ओर किस्मत

उम्र संग ये बढती है

कर्म से अपने चलती है

परीक्षा धैर्य की लेकर

मार्ग प्रशस्त ये करती है||

 

कर्म के पथ पर चढ़कर

ये, अगले कदम को रखती है

हार-जीत के थपेड़े दे देकर

निखार हुनर में करती है||

 

त्रुटी को सुधार के तेरी

आत्मविश्वास से बढ़ती है

उतार चढ़ाव के मार्ग बना

हर परस्थितियो लड़ने को  

तैयार हमें ये करती है||

 

तरक्की की सीढी चढ़े सदा

लक्ष्य निर्धारित करती है

उठा-गिरा…

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Added by PHOOL SINGH on April 12, 2019 at 3:05pm — 2 Comments

जीना हमकों सिखा दिया

वक्त की उठक बैटक ने

जीना हमकों सिखा दिया

जिन्दगी की पेचीदा परिस्थितयों से

लड़ना हमकों सिखा दिया

जीना हमकों सिखा दिया||

 

मुखौटों में छुपे चहरों से

रूबरू हमकों करा दिया

क्या कहेगी ये दुनियाँ

इस उलझन से जो छुड़ा दिया   

जीना हमकों सिखा दिया ||

 

लोग कहे तो हंसे हम

और कहे तो रोये

लोगों के हाथो चलती, जिंदगी को

खुल के जीना सिखा दिया

जीना हमकों सीखा दिया ||

 

साथ ना छोड़ेगे के…

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Added by PHOOL SINGH on April 11, 2019 at 5:21pm — 3 Comments

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