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प्रवीण कुमार श्रीवास्तव
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fatehpur
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fatehpur
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lab technician
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I am a poet/writer.

प्रवीण कुमार श्रीवास्तव's Blog

हाइकू-बरखा के

१.
मेघ बरसे
विरह में पिय के
नयन से भी
२.
लाया सावन
अतुल उपहार
सुधा फुहार
३.
बरखा संग
निकली बाल-टोली
कीचड़-होली
४.
मयूर नाचा
हृदय ने भी किया
मयूर नृत्य

Posted on July 6, 2012 at 11:25pm — 2 Comments

साथी चल उस देश से

साथी चल उस देश से
जहाँ प्रेम व्यापार
बेच रहे ईमान को
लोग लगा बाज़ार

लोग लगा बाज़ार
मनुजता बेंचे ऐसे
सोने का सामान
बिके दो कौड़ी जैसे

कह 'प्रवीण' कविराय
जहाँ दीया ना बाती
कहाँ उजाला होत
मोह तज चल तू साथी

Posted on July 6, 2012 at 7:49am — 7 Comments

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