For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Vikram Srivastava
  • Male
  • Faizabad
  • India
Share on Facebook MySpace

Vikram Srivastava's Friends

  • Subhash Trehan
  • siyasachdev
  • Shyam Bihari Shyamal
  • आशीष यादव
  • योगराज प्रभाकर
  • Er. Ganesh Jee "Bagi"

Vikram Srivastava's Groups

 

Vikram Srivastava's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
Faizabad U.P.
Native Place
Faizabad
Profession
Student

Vikram Srivastava's Blog

तलाश

चल पड़ा हूँ इक सफ़र पर,

एक अनजानी डगर पर |

मजिल पता है, कि जाना कहाँ है |

पर रास्ता नहीं, वो कहीं खो गया है |

वो मंजिल मैं अब हर डगर ढूँढता हूँ |

कभी तो मिलेगी, अगर ढूँढता हूँ |



जज्बों में हिम्मत, इरादे बड़े हैं |

मगर राह में ऊंचे पर्वत खड़े हैं |

इन्हें पार करना भी मुश्किल बड़ा है |

मगर अब ये बंद भी जिद पे अड़ा है|

इन्हें लांघने का सबब ढूँढता हूँ |

कभी तो मिलेगा अगर ढूँढता हूँ |



किसी कि दुआएं…

Continue

Posted on January 11, 2012 at 2:00am — 1 Comment

"कौन पागल है ?".......

 

क्या वो पागल है, जो बेवजह मुस्कुराता है ?

पागल ही है, तभी सरे राह गुनगुनाता है |

अपनी ही धुन में वो गली गली घूमता है |

राह चलते जानवरों को तो कोई पागल ही चूमता है |

वो राहगीर है, उसका कोई घर बार बही है |…

Continue

Posted on November 29, 2011 at 3:22pm

रात का शोर

तुमने कभी सुना है, 

रात का शोर?

कभी सुने हैं 

चीखते सन्नाटे?

जो सोने नहीं देते । 

बार बार एक ही 

नाम पुकारते है |

और ये अंधेरा

जो शोर मचाता है  

किसी की याद दिलाता है |

 

सन्नाटों को ये जुबान 

किसने दे दी…

Continue

Posted on November 20, 2011 at 1:47am

इश्क़

 

ये कैसा व्यापार हुआ,

दुश्मन सारा बाज़ार हुआ |

 

दिल लेकर दिल दे बैठे तो,

क्यूँ जग में हाहाकार हुआ|

 …

Continue

Posted on November 12, 2011 at 2:08am — 12 Comments

Comment Wall (4 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 9:34pm on November 10, 2011, Abhinav Arun said…

shri Vikram Shrivastav JI "स्वप्न सुंदरी" को माह की श्रेष्ठ रचना चुने जाने पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !!

At 9:43am on November 10, 2011, आशीष यादव said…

आदरणीय श्री विक्रम श्रीवास्तव जी,

आप की रचना को महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना घोषित किया गया है| आप की रचनाएँ बहुत अच्छी है| मेरी तरफ से बधाई स्वीकार करें|

At 5:21pm on November 7, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

आदरणीय श्री विक्रम श्रीवास्तव जी,

सादर अभिवादन !
मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आप की रचना "स्वप्न सुंदरी" को महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना (Best Creation of the Month) के रूप मे सम्मानित किया गया है, तथा आप की छाया चित्र को ओ बी ओ मुख्य पृष्ठ पर स्थान दिया गया है |
इस शानदार उपलब्धि पर बधाई स्वीकार करे,धन्यवाद,
आपका
गणेश जी "बागी"

संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक
ओपन बुक्स ऑनलाइन

At 9:36am on September 19, 2011, Admin said…

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .

दोहा पंचक  . . . .( अपवाद के चलते उर्दू शब्दों में नुक्ते नहीं लगाये गये  )टूटे प्यालों में नहीं,…See More
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service