For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Dr.Vijay Prakash Sharma
  • Male
  • Ranchi
  • India
Share on Facebook MySpace

Dr.Vijay Prakash Sharma's Friends

  • Dr. Neelima Thakur
  • Ashok Kumar Singh
  • seemahari sharma
  • डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव
  • लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
  • बृजेश नीरज
  • Tapan Dubey
 

Dr.Vijay Prakash Sharma's Page

Latest Activity

Dr.Vijay Prakash Sharma left a comment for डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव
Mar 8
Dr.Vijay Prakash Sharma updated their profile
Mar 8
Dr.Vijay Prakash Sharma replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-105
"प्रिय लक्मण धामी जी , हमेशा की तरह आपकी सराहना पाकर धन्य हुआ "
Jul 13, 2019
Dr.Vijay Prakash Sharma replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-105
" प्रिय रचना जी आपका बहुत -बहुत आभार "
Jul 13, 2019
Dr.Vijay Prakash Sharma replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-105
"भाई उस्मानी जी , बहुत बहुत शुक्रिया ​"
Jul 13, 2019
Dr.Vijay Prakash Sharma replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-105
"आदरणीय जवाहरलाल जी  ,बहुत -बहुत आभार "
Jul 13, 2019
Dr.Vijay Prakash Sharma replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-105
"आदरणीय जवाहरलाल जी  ,बहुत -बहुत आभार "
Jul 13, 2019
Dr.Vijay Prakash Sharma replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-105
"आदरणीय समर जी ,बहुत -बहुत आभार "
Jul 13, 2019
Dr.Vijay Prakash Sharma replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-105
"बहुत -बहुत आभार "
Jul 13, 2019
Dr.Vijay Prakash Sharma replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-105
"जी घटा ही होना चाहिए , धन्यवाद "
Jul 13, 2019
Dr.Vijay Prakash Sharma replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-105
"बहुत -बहुत आभार ​"
Jul 13, 2019
Dr.Vijay Prakash Sharma replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-105
"आपका बहुत -बहुत आभार ​"
Jul 13, 2019
Dr.Vijay Prakash Sharma replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-105
"आपका बहुत -बहुत आभार ​"
Jul 12, 2019
Dr.Vijay Prakash Sharma replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-105
"रिमझिम गिरे सावन कारी बदरा बरसो मेरे आँगन हरी हरी चूड़ियां भरी भरी बहियाँ करत ठिठोली मोहसे सखियाँ काटत चिकोटी दे गलबहियां भींगा -भींगा तन-मन रिमझिम गिरे सावन खेलें कजरी आओ सजनी गीत प्रीत के गाओ सजनी रंग गई मैं तो पिया के रंग रिमझिम गिरे…"
Jul 12, 2019

Profile Information

Gender
Male
City State
Ranchi
Native Place
Ranchi
Profession
Professor
About me
डॉ.विजय प्रकाश शर्मा स्नातकोत्तर एवम पी एच. डी (मानवविज्ञान ), रांची शिक्षण- दस वर्षों तक रांची विश्वविद्यालय , गुरूघासीदास विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर शिक्षण. बाल्यावस्था से ही हिंदी में लेखन-प्रकाशन विभिन्न पत्र- पत्रिकाओं में.आकाशवाणी से प्रसारण . हिंदी कविता -प्रकाशित संग्रह--"सौंफ का शरबत", Email - drvijayprakash@yahoo.co.uk; drvijayprakash.sharma@gmail.com

Dr.Vijay Prakash Sharma's Blog

बंटवारा

हमने बाँट ली ज़मीन
फिर आसमान
अब बाँट लिए
चाँद सूरज और तारे
फिर बाँटा
देश-वेश, रहन- सहन
रंग-ढंग, जाति- प्रजाति
ख़ुदग़रज़ई
बढ़ती जा रही है.
अब हमने छुपा दिया है
सदभावना को, भाईचारे को
किसी गहरी खाई में.
हम अब नहीं बाँटना चाहते
सहज स्नेह
आमने- सामने..

.
(मौलिक व अप्रकाशित)

Posted on February 24, 2016 at 8:00am — 4 Comments

आप कैसे देखते है?

आप कैसे देखते है?
उसे कैसे स्वीकारते है
दुलार्ते हैं या नकारते हैं
यह आप पर निर्भर है.
आपके समाज पर निर्भर है.
कैकेई भी, कौशल्या भी,
देवकी और यशोदा भी
वाचाल मंथरा भी.
पुरुष की जननी भी
माता और भगिनी भी.
ज्वाला की अग्नि भी.
आप कैसे देखते है?
आधुनिकसमाज सुधारकों के अनुसार
दलित, शोषित, पीड़ित,उपेक्षित
वंचित, कुचलित भी वही है.
आप कैसे देखते है?

मौलिक व अप्रकाशित

Posted on February 7, 2016 at 4:03pm — 6 Comments

हस्ताक्षर

उकेर दिया है

समय की रेत पर

अपना हस्ताक्षर.

जानता हूँ

ख़त्म हो जाएगा

रेत के बिखराव से

मेरा वज़ूद.

संभावना यह भी

किसी संकुचन क्रियावश

घनीभूत हो रेत

प्रस्तर बन जाय .

तब देख पाओगे

खंडित होने तक

मेरा हस्ताक्षर.

कुच्छ भी तो नहीं है

अनंत.

(विजय प्रकाश)

मौलिक व अप्रकाशित

Posted on September 5, 2015 at 1:30pm — 12 Comments

अंदर का बनिया

हमारे अंदर का बनिया

सब कुच्छ बेचता है,

राम भी, कृष्ण भी,

धर्म और ईमान भी,

तीर और कमान भी.

अब उसके दुकान में

नये- नये समान हैं,

झूठाई, सपनों की मिठाई,

दंभ के साथ बढ़ती ढिठाई

ईन्हे वो रोज नई नई

जगहों पे सजाता है

ज़ोर से आवाज़ लगाता है

हिंदू हो या मुसलमान,

सिख हो या ख्रिस्तान,

उसके लिए सभी बराबर हैं.

वो बड़ी ईमानदारी से

बेईमानी बेचता हैं

दरअसल जो बिकता है

वही टिकता है.

मौलिक वा…

Continue

Posted on April 15, 2015 at 8:00am — 12 Comments

Comment Wall (1 comment)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 8:17pm on September 21, 2014, डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव said…

आपकी मित्रता का स्वागत है आदरणीय !

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव’ अंक 146

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !! ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ छियालिसवाँ आयोजन है.…See More
20 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-152

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Dr. Ashok Goyal's blog post ग़ज़ल :-
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
AMAN SINHA posted a blog post

पुकार

कैसी ये पुकार है? कैसा ये अंधकार है मन के भाव से दबा हुआ क्यों कर रहा गुहार है? क्यों है तू फंसा…See More
Saturday
Nisha updated their profile
Friday
Nisha shared Admin's discussion on Facebook
Friday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Chetan Prakash's blog post कुकुभ छंद आधारित सरस्वती गीत-वन्दनाः
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। सुन्दर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Friday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा सप्तक- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। दोहे के बारे में सुझाव…"
Thursday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा सप्तक- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"सार्थक दोहे हुए, भाई मुसाफिर साहब ! हाँ, चौथे दोहे तीसरे चरण में, संशोधन अपेक्षित है, 'उसके…"
Thursday
Chetan Prakash posted a blog post

कुकुभ छंद आधारित सरस्वती गीत-वन्दनाः

दुर्दशा हुई मातृ भूमि जो, गंगा ...हुई... .पुरानी है पावन देवि सरस्वती तुझे, कविता-कथा सुनानी है…See More
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

दोहा सप्तक- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

जलते दीपक कर रहे, नित्य नये पड्यंत्र।फूँका उन के  कान  में, तम ने कैसा मंत्र।१।*जीवनभर  बैठे  रहे,…See More
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर उपस्थितिभाव.पक्ष की कमी बताते हुए मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक…"
Wednesday

© 2023   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service