For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Mayank Sharma
Share on Facebook MySpace
 

Mayank Sharma's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
Indore
Native Place
Ujjain
Profession
student
About me
in the early stages of writing ... trying to read , analyse and then adopt the newly gained learnings in my writing

Mayank Sharma's Blog

दुल्हन की दास्ताँ

 जो कल उन्मुक्त बेखौफ़ चलती थी

आज अकेले खामोश बैठी है

कल तक जिसका अलग अस्तित्व था

अब दुसरो से पहचान ही उसका अस्तित्व होगा

कल तक जो हर जिम्मेदारी से बचती थी

मदमस्त उल्लासित हो चहकती थी

अब दूसरो की जिम्मेदारी संभालेगी

अपनी हँसी लुप्त कर दूसरो को सँवारेगी

दुल्हन के सुर्ख लाल जोड़े में

एक बंदनी की भाँति लग रही

फ़ेरो की पवित्र अग्नि में

उसकी ख्वाहिशे सुलग रहीं          

सर पर जड़ित स्वर्ण टीका

उसके विषाद मे…

Continue

Posted on March 27, 2011 at 3:00pm — 1 Comment

कुछ अहसास

कुछ अहसास हर अहसास से परे

 कुछ अरमान उम्मीदो से भरे

 गम है लिखे मुक्कदर में सभी

केमहबूब का साथ हर गम हरे



किताब की लिखावट तो नीरस

हैशब्दों की बनावट भी नीरस है

गुलाबों सा महकता महबूब का प्रेम पत्र

लिये जिंदगी का हर रस है  



दुनिया में अस्तित्व हीन हूँ

सनम ही मेरी दुनिया है

 उसी में डुबा रहूँ ताउम्र 

सनम ही मेरा अस्तित्व हैं

 

मिलन यामिनी में साथ बैंठे

खुला आसमा ताकते है

चाँद को…

Continue

Posted on February 15, 2011 at 3:30pm

लफ़ंगे परिंदे

यौवन आते ही उन्मुक्त हो उठे

उन्माद में भयमुक्त हो उठे

जमीं से कहा उगे थे जो

आसमा से उँचे हो उठे

 

पहली आजादी के अहसास से

खुलेपन की सास से

चलना कहा सिखा था

गिर पड़े उड़ने के कयास से

 

हवाओं से बाते करते थे

रफ़्तारो से मुलाकातें करते थे

कब मौत ने जिंदगी को पछाड़ दिया

हम तो आपसी हौड़ लगाया करते थे

 

फ़िक्र को धुआ करने मे

सूखे कंठ में मिठास भरने मे

कश लगाया पहली बार

हर…

Continue

Posted on January 16, 2011 at 2:19pm

युवा मन की उलझन

मन मे हो रही एक…

Continue

Posted on December 31, 2010 at 1:59pm

Comment Wall (5 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 9:13am on May 11, 2015,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनायें !

At 4:38pm on December 31, 2010, PREETAM TIWARY(PREET) said…
At 4:32pm on December 31, 2010, PREETAM TIWARY(PREET) said…
At 4:05pm on December 31, 2010,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 6:01pm on December 30, 2010, Admin said…
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"ग़ज़ल~2122 1212 22/112 इस तकल्लुफ़ में अब रखा क्या है हाल-ए-दिल कह दे सोचता क्या है ये झिझक कैसी ये…"
2 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"स्वागतम"
2 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .

दोहा पंचक  . . . .( अपवाद के चलते उर्दू शब्दों में नुक्ते नहीं लगाये गये  )टूटे प्यालों में नहीं,…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service