376 members
121 members
217 members
आपकी याद आई खुशी दे गयी।
होंठ में इक मधुर सी हँसी दे गयी।।
जाम हाथों मे हमने न थामा कभी।
आज तेरी छुअन बेखुदी दे गयी।।
//मौलिक व अप्रकाशित//
Posted on November 6, 2017 at 2:30pm — 6 Comments
(दिगपाल छंद विधान:- यह छंद 24 मात्रायों का, जिसमें 12 -12 में यति के साथ चरण पूर्ण होता है)
तजि अधर्म,कर्म,सुधर्म कर,
गीता तुझे बताए I
हों शुद्ध,बुद्ध,प्रबुद्ध सब,
निज धर्म को न भुलाए I I
धर नव नीव स्वधर्म की,
शिव ही सत्य मानिए I
छोड़ सकल लोभ मोह,
ऒम ही सर्व जानिए I I
मौलिक व अप्रकाशित
Posted on October 26, 2013 at 3:00pm — 18 Comments
प्रेम में मगन मैं, होने लगा हूँ
जग से नाता तोड़ चला हूँ,मैं
जग से नाता तोड़ चला हूँ
प्रेम में मगन मैं, होने लगा हूँ
उनसे मिलन की, आस लिए
अंधरों बड़ी प्यास, लिए
दर बदर मैं, भटक रहा हूँ, हाँ
दर बदर मैं, भटक रहा हूँ
प्रेम में मगन मैं, होने लगा हूँ
आएगी कब वह, रात सुहानी
होंगी जब वो,मेरी दीवानी
रात और दिन यही, सोच रहा हूँ, मैं
रात और दिन यही, सोच रहा हूँ
प्रेम में मगन मैं, होने लगा हूँ
हर…
ContinuePosted on October 11, 2013 at 3:30pm — 9 Comments
सुन्दरता इसको घेरी है
मादकता इसमें पिरोई है
मीठे में मिश्री जैसा मेरा गाँव
सबसे प्यारा सबसे न्यारा मेरा गाँव
उंच नीच का भेद नहीं है
शहरों जैसा क्लेश नहीं है
फूलों में गुलशन जैसा मेरा गाँव
सबसे प्यारा सबसे न्यारा मेरा गाँव
सुन्दरता तरुओं की प्यारी
मादकता सरसों की सारी …
Posted on July 6, 2013 at 2:30pm — 4 Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
Comment Wall (1 comment)
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online
मित्रता का हाथ बढ़ाने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय।
सादर,
विजय निकोर