For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अमि तेष
  • Male
  • शिवपुरी, मध्य प्रदेश
  • India
Share on Facebook MySpace

अमि तेष's Friends

  • rajesh kumari
  • Anwesha Anjushree
  • Shyam Bihari Shyamal
  • jahir
  • ASHOK N JAIN
  • Bhasker Agrawal
  • SURINDER RATTI
  • GOPAL BAGHEL 'MADHU'
  • Rector Kathuria
  • Anjana Dayal de Prewitt
  • Veerendra Jain
  • Rana Pratap Singh
  • Kanchan Pandey
  • विवेक मिश्र
  • Er. Ganesh Jee "Bagi"

RSS

Loading… Loading feed

 

Amitesh

Profile Information

Gender
Male
City State
shivpuri (MP)
Native Place
shivpuri
Profession
student
About me
I m not wise like Chanakya. i m not a winner like Alaxgender. I m not Ram,Rahim or Crist. I m not Earth,Sky,Air,Fire and Water.I m not sun, moon or any other planet. I m not a animal or any object of the world. But I m space. where is every thing. I m Amitesh,I m Ajim and I m The One Who is Infinite ................

अमि तेष's Videos

  • Add Videos
  • View All

अमि तेष's Blog

कोई सपना भटक रहा है मेरी आँखों में.............

कोई सपना भटक रहा है मेरी आँखों में

पल पल चन्दन महक रहा है मेरी आँखों में

दरिया, नदिया, ताल नहर सब भीगे भीगे है

कब से बादल लहक रहा है मेरी आँखों में

पल भर बतियाता है फिर ओझल हो जाता हैं

किसका चेहरा झलक रहा है मेरी आँखों में

गालिब, की ग़ज़लों सी नाजुक एक कली को देख

कोई हिरना फुदक रहा है मेरी आँखों में

एक ग़ज़ल बातें करती है टुकड़ों में मुझसे

तन्हा मिसरा फटक रहा है मेरी आँखों…

Continue

Posted on November 11, 2013 at 9:00pm — 9 Comments

मेरी आह के बाद ....

सुनो,

तुम तो जानती ही हो ....

मेरी ग़ज़ल,

मेरी कविताओं ...

के हर अलफ़ाज़ को ...

और ये भी,

कि ये दुनियाँ कितनी रुखी है ...

ये जमाने भर तल्खी,

अक्सर घाव कर देती है,

मुझ पर ...

फिर तितलिया ..

वक्त के साथ साथ,

फीकी पड़ जाती है,

चुभते है नाश्तर बन के रंग...

और एक कसक लिए मैं,

जमाने के दरार वाले इस पहाड़ के पीछे,

करता हूँ तुम्हारा इन्तजार ..

तुम देखना,

एक दिन ये दुनियाँ,

ताजमहल के साथ भरभरा कर,

गिर…

Continue

Posted on June 11, 2013 at 3:11am — 15 Comments

इश्क में हो गये है शेर सब

इश्क में हो गये है शेर सब 
शेरनी की गरज पर ढेर सब 

है बनी शायरी अब फुन्तरू 
आम से हो गये है बेर सब 

हां कलम भी कभी हथियार थी 
चुटकुला अब, समय का फेर सब 

जे छपे, वे छपे, हम रह गये 

चाटने में हुई है देर सब 

खो गये मीर, ग़ालिब, मुसहफ़ी 
लिख रहे है खुदी को जेर सब 
~अमितेष 
मौलिक व अप्रकाशित 

फुन्तुरु - मजाक 
मीर - मीर तक़ी 'मीर'

ग़ालिब - असद उल्लाह खां ग़ालिब 
मुसहफ़ी - शैख़ गुलाम हम्दानी मुसहफ़ी 

Posted on June 4, 2013 at 11:19pm — 10 Comments

यह तेरी अर्जी है.....

यह तेरी अर्जी है
या फिर खुदगर्जी है

सिल ही देंगी गम को
सांसे भी दर्जी है

मैं तुम से रूठा हूँ
तुहमत ये फर्जी है

दिल मेरा है सोना
बहता गम बुर्जी है

गर्दिश, ग़ज़लें, गश्ती
यह मेरी मर्जी है 
~अमितेष
("मौलिक व अप्रकाशित")

Posted on January 26, 2013 at 1:13pm — 9 Comments

Comment Wall (7 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 12:19pm on May 10, 2011, Veerendra Jain said…

Wishing you a very Happy Birthday.. Amitesh ji...

May GOD fulfill all your dreams this year...

At 8:34am on May 10, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 3:11pm on March 28, 2011, Veerendra Jain said…
Amitesh ji...sorry to say...but aap kyu mera gender change kar rahe hain , i m very happy being male....!!!! hahaha...
At 12:02pm on January 16, 2011, Raju said…
At 10:37am on January 16, 2011, PREETAM TIWARY(PREET) said…
At 11:03pm on January 15, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 6:08pm on January 15, 2011, Admin said…
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय Chetan Prakash जी आदाब। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें। बेवफ़ाई ये मसअला…"
8 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आदरणीय अमित…"
15 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"2122 - 1212 - 22/112 देखता हूँ कि अब नया क्या है  सोचता हूँ कि मुद्द्'आ क्या…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है, मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाइये।…"
1 hour ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदाब, मुसाफ़िर साहब, अच्छी ग़ज़ल हुई खूँ सने हाथ सोच त्यों बर्बर सभ्य मानव में फिर नया क्या है।३।…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय 'अमित' जी आदाब, उम्दा ग़ज़ल के साथ मुशायरा का आग़ाज़ करने के लिए दाद के साथ…"
2 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी, ध्यान दिलाने का बहुत शुक्रिया। ग़ज़ल दोबारा पोस्ट कर दी है। "
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"नमन, रिया जी , खूबसूरत ग़ज़ल कही, आपने बधाई ! मतला भी खूसूरत हुआ । "मूसलाधार आज बारिश है…"
2 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आसमाँ को तू देखता क्या हैअपने हाथों में देख क्या क्या है /1 देख कर पत्थरों को हाथों मेंझूठ बोले वो…"
2 hours ago
Prem Chand Gupta replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"इश्क में दर्द के सिवा क्या है।रास्ता और दूसरा क्या है। मौन है बीच में हम दोनों के।इससे बढ़ कर कोई…"
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय Sanjay Shukla जी आदाब  ओ.बी.ओ के नियम अनुसार तरही मिसरे को मिलाकर  कम से कम 5 और…"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"नमस्कार, आ. आदरणीय भाई अमित जी, मुशायरे का आगाज़, आपने बहुत खूबसूरत ग़ज़ल से किया, तहे दिल से इसके…"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service