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अजय गुप्ता 'अजेय
  • Male
  • Karnal
  • India
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अजय गुप्ता 'अजेय's Discussions

आयोजन कैलंडर संबंधित
7 Replies

आदरणीय प्रबंधन समूह,मेरा एक सुझाव है जिसे आपके विचारार्थ रखना चाहता हूँ । ओबीओ में पूर्व कि भाँति आयोजन कैलंडर के प्रकाशन कि आवश्यकता महसूस हो रही है। पहले कि तरह यदि वेबसाईट पर ही हर महीने कि 4-5…Continue

Started this discussion. Last reply by surender insan Oct 9, 2023.

कैलेंडर

नौ तारीख तक कैलेंडर न आने से असुविधा होती है। यदि पहले से निर्धारित हो और 1-2 तारीख तक कैलेंडर आ जाए तो आसानी हो जाये।उम्मीद है आयोजक इस और ध्यान देंगेContinue

Started Apr 9, 2018

 

अजय गुप्ता 'अजेय's Page

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-170
"बहुत बहुत आभार आदरणीय। आप सब गुणीजनों के प्रोत्साहन और सुझावों से निरन्तर अच्छा लिखने में सहयोग मिलता है। "
Aug 29
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-170
"🙏😊"
Aug 29
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-170
"बहुत ख़ूबसूरत ग़ज़ल अबरार भाई। बहुत बहुत दाद"
Aug 29
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-170
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय अमित भाई। ( हो सके तो एक मतला और कहें )//   है रब्त उनसे ऐसा कि शिकवा नहीं जाता मुँह फिर भी कभी देख के फेरा नहीं जाता (एक कौशिश की है) ( उला में वो ख़ास बात लिखें जिसकी वज्ह से दौर भुलाया नहीं जाता ) यारों का साथ…"
Aug 29
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-170
"जी आदरणीय। आप के आने से और आपकी प्रतिक्रिया से ग़ज़ल को उजाला मिल गया। प्रणाम स्वीकार करें।"
Aug 29
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-170
"अच्छे अशआर हुए हैं ऋचा जी। सुझाव अच्छे आयें हैं और उनसे ग़ज़ल और निखर  जाएगी"
Aug 29
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-170
"अच्छी ग़ज़ल हुई है भाई लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी। सुझाव भी अच्छे आए हैं। गुनीजनों कि राय से ग़ज़ल और निखार पाएगी"
Aug 29
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-170
"बेहतरीन शेर हुए हैं जनाब संजय जी। हार्दिक बधाई। सुझाव भी अच्छे आए हैं।"
Aug 29
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-170
"आदरणीय अगर प्रभाव दो शेर से उत्पन्न हो रहा है तो फिर अमित जी सही ही कह रहे है। क्योंकि इस हिसाब से तो ये क़त'अ के नज़दीक अधिक जान पड़ता है।"
Aug 29
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-170
"बहुत उम्दा ग़ज़ल हुई है आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी। हमेशा कि तरह लाजवाब। सभी शेर एक से बढ़कर एक"
Aug 29
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-170
"आदरणीय अमित जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें। मतला बहुत अच्छा हुआ। भगवान उसे भक्त की श्रद्धा है बनाती यूँ ही किसी पत्थर को तो पूजा नहीं जाता//  वाह वाह"
Aug 29
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-170
"मेरे एडिटर में इस समय नुक्ते नहीं या रहे ठीक से, इसलिए बहुत से शब्द गलत दिख रहें होंगें आपको। असुविधा और त्रुटियों के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ। कौशिश में हूँ जल्द ही ठीक करने कि।"
Aug 29
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-170
"ताउम्र भी इंसान वो ऊँचा नहीं जाता जिस का कभी कल-कल का बहाना नहीं जाता   यारों का रहे साथ तो कहना न पड़ेगा वो दौर जवानी का भुलाया नहीं जाता   आते हुए को आगे से ही थाम लो बढ़कर पीछे से तो मौक़ा कभी पकड़ा नहीं जाता   जिस ख्वाब में अपने हैं,…"
Aug 29
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-164
"ग़ज़ल पर आने, उपयोगी सुझाव देने और हौसला बढ़ाने के लिए आभार आदरणीय महेंद्र जी"
Feb 24
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-164
"ग़ज़ल पर आने और हौसला बढ़ाने के लिए आभार आदरणीय नादिर जी"
Feb 24
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-164
"ग़ज़ल पर आने और हौसला बढ़ाने के लिए आभार आदरणीय ऋचा जी"
Feb 24

Profile Information

Gender
Male
City State
Karnal (Haryana)
Native Place
Karnal
Profession
Business
About me
ग़ज़ल, कविता, लघुकथा लेखन में रूचि, 6 स्वतंत्र काव्य संग्रह प्रकाशित, 3 ऑनलाइन पुस्तकें प्रकाशित. एक काव्य संग्रह हरियाणा साहित्य अकादमी के सौजन्य से प्रकाशित. parivartaaajkal.com पर 'अजय की कलम' के शीर्षक से नियमित कॉलम

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अजय गुप्ता 'अजेय's Blog

ग़ज़ल (आदमी सी फ़ितरतें हों आदमी की)

कौशिशें इतनी सी हैं बस शायरी की 

आदमी सी फ़ितरतें हों आदमी की

हद जुनूँ की तोड़ कर की है इबादत

ख़ूँँ जलाकर अपना तेरी आरती की

गोलियों की ही धमक है हर दिशा में

और तू कहता है ग़ज़लें आशिक़ी की!

भूले-बिसरे लफ़्ज़ कुछ आये हवा में

कोई बातें कर रहा है सादगी की

इतनी लंबी हो गयी है ये अमावस

चाँद भी अब शक्ल भूला चांदनी की

बूँद मय की तुम पिलाओ वक़्ते-रुखसत

आखि़री ख्वा़हिश यही है ज़िन्दगी…

Continue

Posted on October 7, 2020 at 5:00pm — 6 Comments

ग़ज़ल (और कितनी देर तक सोयेंगें हम)

पल सुनहरी सुबह के खोयेंगें हम

और कितनी देर तक सोयेंगें हम।

रात काली तो कभी की जा चुकी

अब अँधेरा कब तलक ढोयेंगे हम।

जुगनुओं जैसा चमकना सीख लें 

रोशनी के बीज फिर बोयेंगे…

Continue

Posted on September 19, 2020 at 11:20pm — 16 Comments

एक ग़ज़ल (वैलेंटाइन डे स्पेशल)

एक ग़ज़ल।

**********

बँध गई हैं एक दिन से प्रेम की अनुभूतियाँ

बिक रही रैपर लपेटे प्रेम की अनुभूतियाँ

शाश्वत से हो गई नश्वर विदेशी चाल में

भूल बैठी स्वयं को ऐसे प्रेम की अनुभूतियाँ

प्रेम पथ पर अब विकल्पों के बिना जीवन नहीं

आज मुझ से, कल किसी से, प्रेम की अनुभूतियाँ

पाप से और पुण्य से हो कर पृथक ये सोचिए

लज्जा में लिपटी हैं क्यों ये प्रेम की अनुभूतियाँ

परवरिश बंधन में हो तो दोष किसको दीजिये

कैसे पहचानेंगे…

Continue

Posted on February 14, 2019 at 1:54pm — 4 Comments

एक ग़ज़ल (हिलता है तो लगता ज़िंदा है साया)

हिलता है तो लगता ज़िंदा है साया

लेकिन चुप है, शायद गूँगा है साया

कहने में तो है अच्छा हमराही पर

सिर्फ़ उजालों में सँग होता है साया

सूरज सर पर हो तो बिछता पाँवों में

आड़ में मेरी धूप से बचता है साया

असमंजस में हूँ मैं तुमसे ये सुनकर

अँधियारे में तुमने देखा…

Continue

Posted on February 7, 2019 at 12:38pm — 3 Comments

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At 12:18pm on November 23, 2015,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

आपका अभिनन्दन है.

ग़ज़ल सीखने एवं जानकारी के लिए

 ग़ज़ल की कक्षा 

 ग़ज़ल की बातें 

 

भारतीय छंद विधान से सम्बंधित जानकारी  यहाँ उपलब्ध है

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आप अपनी मौलिक व अप्रकाशित रचनाएँ यहाँ पोस्ट (क्लिक करें) कर सकते है.

और अधिक जानकारी के लिए कृपया नियम अवश्य देखें.

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतुयहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

 

ओबीओ पर प्रतिमाह आयोजित होने वाले लाइव महोत्सवछंदोत्सवतरही मुशायरा व  लघुकथा गोष्ठी में आप सहभागिता निभाएंगे तो हमें ख़ुशी होगी. इस सन्देश को पढने के लिए आपका धन्यवाद.

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

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3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

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