For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

sangeeta swarup
Share on Facebook MySpace

Sangeeta swarup's Friends

  • अरुन 'अनन्त'
  • डॉ. सूर्या बाली "सूरज"
  • SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR
  • aashukavi neeraj awasthi
  • mohinichordia
  • सुनीता शानू
  • Aradhana
  • HIRALAL KASHYAP
  • rashmi prabha
  • Arvind Chaudhari
  • Rash Bihari Ravi

sangeeta swarup's Groups

 

sangeeta swarup's Page

Profile Information

Gender
Female
City State
NEW DELHI
Native Place
Kanpur
Profession
house wife
About me
M.A. Economics ,

Sangeeta swarup's Blog

पर्यावरण पर कुछ हाइकु

 नीर भरी थी 

विष्णुपदी  निर्मल 

क्लांत  है अब । 
 
***************
पेड़ों को काटा 
छीना था सरमाया 
धरती…
Continue

Posted on July 6, 2012 at 10:45am — 4 Comments

पिघलता पत्थर

अमावस सी ज़िंदगी में

अचानक ही 
छिटक गयी चाँदनी 
एक बादल की ओट से …
Continue

Posted on July 27, 2011 at 4:00pm — 16 Comments

कतरने ख़्वाबों की

ख्वाब मेरे



कपड़े की 
कतरनों के माफिक 
कटे फटे 
जब भी सहेजना चाहा 
कतरनों की तरह ही 
बिखर जाते हैं 
फिर भी 
मैं…
Continue

Posted on June 26, 2011 at 3:58pm — 3 Comments

सूखी हुई ख्वाहिशें

ज़िन्दगी का दरख्त
हो गया है ज़र्जर
समय की दीमक ने
कर दी हैं जड़ें खोखली
तनाव के थपेड़ों ने
झुलस दी है छाल
ख्वाहिशों के पत्ते
अब सूखने लगे हैं
और झर जाते हैं
प्रतिदिन स्वयं ही
परिस्थितियों की आँधियाँ
उडा ले जाती हैं दूर
और जो बच जाते हैं
कहीं इर्द - गिर्द
उन पर अपनों के ही
चलने से होती है
आवाज़ चरमराहट की
उस आवाज़ के साथ ही
टूट जाती हैं सारी उम्मीदें
और ख़त्म हो जाती हैं
सूखी हुई ख्वाहिशे .

Posted on June 23, 2011 at 12:34pm — 5 Comments

Comment Wall (7 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 3:31am on May 7, 2015,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

आपको ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से जन्म-दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!

At 10:41pm on July 6, 2012, SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR said…

आदरणीया संगीता स्वरुप जी आप को यहाँ भी देख और मित्र के रूप में पा मन अभिभूत हुआ अपना स्नेह और सुझाव बनाये रखें स्वागत है आप का.. अब आनंद और आएगा ..जय श्री राधे
भ्रमर ५

At 8:13pm on July 6, 2012, डॉ. सूर्या बाली "सूरज" said…

संगीता जी सादर नमस्कार आपकी सुंदर प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। आपका मंच पर हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है !

At 4:35pm on September 2, 2011, Deepak Sharma Kuluvi said…

aADBHUT RACHNAYEN

At 8:43pm on May 31, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 5:03pm on May 14, 2011, PREETAM TIWARY(PREET) said…
At 3:03pm on May 14, 2011, Admin said…
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपसे मिले अनुमोदन हेतु आभार"
15 hours ago
Chetan Prakash commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"मुस्काए दोस्त हम सुकून आली संस्कार आज फिर दिखा गाली   वाहहह क्या खूब  ग़ज़ल '…"
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२२१/२१२१/१२२१/२१२ ***** जिनकी ज़बाँ से सुनते  हैं गहना ज़मीर है हमको उन्हीं की आँखों में पढ़ना ज़मीर…See More
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन एवं स्नेह के लिए आभार। आपका स्नेहाशीष…"
Wednesday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . नजर

नजरें मंडी हो गईं, नजर हुई  लाचार । नजरों में ही बिक गया, एक जिस्म सौ बार ।। नजरों से छुपता…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आपको प्रयास सार्थक लगा, इस हेतु हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी जी. "
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का दिल से आभार आदरणीय । बहुत…"
Wednesday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"छोटी बह्र  में खूबसूरत ग़ज़ल हुई,  भाई 'मुसाफिर'  ! " दे गए अश्क सीलन…"
Tuesday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"अच्छा दोहा  सप्तक रचा, आपने, सुशील सरना जी! लेकिन  पहले दोहे का पहला सम चरण संशोधन का…"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service